प्रार्थना

आपको देर सबेर ये मानना ही होगा कि भगवान यदि यहाँ नहीं है तो कहीं भी नहीं हैं और भगवान अगर आपके आज में नहीं है तो भविष्य में भी कभी नहीं होंगे।

आप के अंदर और सभी के अंदर भगवान् नित्य ही विराजित है। उनका असिमित ज्ञान, अंनत प्रेम, आनंद, उनकी अथाह शक्ति एवं दिव्य गुण आपके भीतर शुरू से ही मौजूद हैं। आपके भीतर उनकी नियामतों का भंडार भरा हुआ है। आपका ये बहुमूल्य खज़ाना आपका इंतज़ार कर रहा है। इसकी खोज करना, इसका विकास करना, इसको अभिव्यक्त करने का निरंतर प्रयास करना ही प्रार्थना है।

अपने आलस्य, अस्तव्यस्तता, अवसाद, उपेक्षा और उत्साहीनता को खत्म करते हुऐ साधारण से असाधारण बनना यानी के नर से नारायण बनने के आपके सतत प्रयास को ही प्रार्थना कहते हैं।

प्रार्थना का एक मतलब ये भी ये भी है कि खुद को बार बार ये याद दिलाया जाये कि आपका उद्देश्य जीवन खत्म होने के बाद बैकुण्ठ जाना नहीं है परंतु अपने प्रयासों द्वारा इसी जीवन में बैकुण्ठ का माधुर्य पैदा करना है।

आपके घर-आंगन और संसार में आनंद, प्रेम, सद्भावना, हर्षोल्लास एवं हँसी-ठिठोली बनी रहे तथा आपके जीवन में खुशियों का और आपके अपनो का साथ सदैव बना रहे, ऐसी प्रभु के श्री चरणों मे आज प्रार्थना है। मंगल शुभकामनाएं 💐💐

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: