Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
आपका और मेरा ईश्वर इस सृष्टि के कण-कण में बसा है। और अगर गौर से देखेंगे तो पायेंगे कि ये सारी सृष्टि उनकी प्रार्थना में ही लीन है, दिन और रात। प्रतिपल प्रार्थना चल रही है। ये वृक्ष खड़े हैं चुपचाप; ये इनकी प्रार्थना है। पक्षी चहचहा रहे हैं; वह उनकी प्रार्थना है। आकाश में बादल गरजते हैं बरसते हैं; ये उनकी प्रार्थना है। सागर की तरफ दौड़ती हुई प्रत्येक नदि प्रार्थनारत हैं। हर तरफ प्रार्थना ही तो चल रही है।
यह सारा अस्तित्व प्रार्थनामय है, सिर्फ हमे छोड़कर। ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना होने के बावजूद हम पूछते फिरते हैं कि प्रार्थना कैसे करें? सारा अस्तित्व प्रार्थना कर रहा है – पहाड़ प्रार्थना में लीन हैं। आकाश प्रार्थना से भरा है। सागर प्रार्थना की ही गुंजार कर रहे हैं। पर हमें पता नही की अपने ईश्वर की असली प्रार्थना कैसे करें। ये सच मे हास्यपद है।
निरंतर आनंद, प्रसन्नता, अपने अस्तित्व की स्वीकार्यता और मूल स्वभाव में रहना, अपनी जिम्मेदारियों का पूरे मन से निर्वाह करते रहना तथा शुचिता भरे कार्यों को निंरतर करते रहना ही प्रार्थना है। हर हालत में स्वंय को ईश्वरीय प्रवाह के हवाले कर के रखना प्रार्थना है। हर जीव में ईश्वर के प्रतिबिंब को ढूंढने का प्रयास ही प्रार्थना है। प्रेमभाव से अपने ईश्वर का धन्यवाद करते रहना ही प्रार्थना है।
मेरी आज अपने प्रभु से प्रार्थना है कि आपकी आगे की जीवन यात्रा सुंदर, सरल एवं सुगम हो जाये। आपके असंतोष, उद्वेग, द्वंद और आपकी सभी समस्याओं का जल्द ही अंत हो जाये। आपका जीवन मस्ती का पर्याय बना रहने के साथ साथ अपनी पूर्णता, श्रेष्ठता, दिव्यत्व और दैवत्व को भी जल्द प्राप्त करे, ऎसी मेरी कामना है। मंगल शुभकामनाएं 💐💐