प्रार्थना

सर्वव्यापी, सर्वशक्तिमान, सर्वहीतेशी, सर्वगुण संपन्न तथा सर्वदा-मौजूद परमात्मा सूक्ष्म रूप से हम सभी के भीतर और हमारे चारों तरफ हमेशा से ही विद्यमान है। ये सच हम सब जानते हैं।

और इसी दिव्यत्व, इसी ऊर्जा जो पहले से ही हम सब के भीतर है, उसे जगाने, उठाने और उसे प्रगट करने का निरंतर प्रयास ही हमारे लिए सबसे उत्तम प्रार्थना है।

आपके भीतर प्रेम, जागरूकता, सद्भाव, संवेदनशीलता की जितनी गहराई बढ़ेगी, उतनी ही बढ़िया आपकी प्रार्थना होगी। ये प्रार्थना आपकी होगी। और मैं बता दूं कि परमात्मा तक वही प्रार्थना पहुंचती है, जो आपकी खुद की है, निजी है। एक और बात, जंहा भी खुशी महसूस हो, शांति का अहसास हो, ह्रदय के बहाव का अहसास हो, जंहा संगीत हो, ऊर्जा हो, उत्सव हों, जंहा रोशनी हो – बस वहीं मंदिर है, वहीं तीर्थ है, वही परमात्मा का धाम है।

परमात्मा से प्रार्थना है कि आपके शुभ विचार, कार्य और संकल्प आपकी सभी मुश्किलें दूर कर दें और जल्द ही शुभता, समृद्धि, स्वास्थ्य, आत्म संतोष और लोक सम्मान का दिव्य प्रकाश आपके जीवन और संसार मे चारो तरफ फैल जाये। मंगल शुभकामनाएं।

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