Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
ईश्वर, जीव तथा प्रकृति इस सृष्टि में अनादिकाल से विद्यमान है। या यूँ कहें कि रचना करने वाली सत्ता, जिसके लिये रचना हुई है तथा जिससे रचना हो सकती है ये तीनो ही सदा सदा से उपस्थित हैं। हम सब को पता है।
शायद ये भी हम सभी को मालूम है कि वह कण-कण में समाया है तथा हम सभी मे उस सर्वशक्तिमान का अंश है।
हमारे शरीर में परमात्मा की उपस्थिति को स्वीकार करना ही प्रार्थना है। मन, कर्म और वचन से सच्चे बनें रहना प्रार्थना है। जिम्मेदारी से प्रयत्नशील और प्रगतिशील बने रहना प्रार्थना है। अपने मन को हर हालात में पवित्र बनाये रखना यानी के भरत और सुदामा जैसा मन बनाये रखना ही हमारी सबसे बड़ी प्रार्थना है।
मेरी आज प्रभु से प्रार्थना है कि आपके अंतःकरण की शुचिता एवं सौंदर्य, आपकी सूझ – बूझ, व्यवहारिक उच्चता और श्रेष्ठता, सरलता, सदगुण, सद्विचार और सत्कर्म आपके जीवन की सार्थकता सदैव सिद्ध करते रहें। आपका घर-संसार खुशियों से सदैव भरा रहे। ये नया साल आपके और आपके सभी अपनों के लिये अत्यंत शुभ हो तथा मंगलमय हो, ऐसी सब मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं 💐