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देवाधिदेव महादेव और जगतजननी माता पार्वती के विवाहोत्सव के महापर्व महाशिवरात्रि की शुभकामनाये।
मैं आपको याद दिला दूँ की – लय और प्रलय जिनके अधीन है, जो देवों के भी देव हैं और जो समूची सृष्टि के रचयिता हैं, ऐसे शिव त्याग, तपस्या, सादगी, सरलता तथा संतुलन के प्रतीक हैं। शिव न्यूनतम में रहकर भी मस्ती के प्रतीक हैं। नृत्य सम्राट शिव कलाओं और विधाओं के जनक हैं। शिव लोभ, मोह, अहंकार पर पूर्ण नियंत्रण एवं गम्भीरता के प्रतीक हैं। शिव अपने लिए कठोर अनुशासन और दूसरों के किये सदा ही उदार प्रवर्ति के प्रतीक हैं। शिव सदैव ही शुभ और कल्याणकारी चिंतन के प्रतीक हैं। शिव सत्य, सौंदर्य व अनंतता के प्रतीक हैं।
ऐसे शिव को प्रसन्न करने के लिए हमे निश्चित ही शिव के अनुरूप बनना पड़ेगा। इसीलिए अपने भीतर शिवत्व, देवत्व एवं शुभत्व का जागरण ही महादेव की असली पूजा है।
आपके अच्छे स्वास्थ, खुशहाली और उन्नति की मंगलकामनाओं के साथ एक बार पुनः आपको महाशिवरात्रि के पावन पर्व की बधाई 💐💐