Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
धीरज रखिए… जल्द ही सब कुछ बदल जाएगा।
अधिकतर अधिक चिंता करना या डरना ठीक नही होता है। जो भी चीजें, उठा-पटक या शोरगुल, अनावश्यक डर, नकारात्मकता, अशांति और बेचैनी पैदा करते हैं, उनसे बचना चाहिये।
मगर जब चारों तरफ सामुहिक डर का माहौल हो, चारो और मौत का साया हो, आप घर मे बंद हों तो ऐसे में किसी से कहना कि सकारात्मक रहो, शांत रहो और महामारी पर ध्यान न दे कर साधु संगत करिये, ध्यान करिये, कुछ लिखिये, पढिये, नाचिये, गाइये, खुद को सुधारिये, अलोम-विलोम करिये, फिट हो जाइये और इस समय का कुछ लाभ उठाइये तो ये बाते बहुत अजीब लगेंगीं – नामुमकिन लगेंगीं।
मगर और कोई रास्ता ही नही है। हमे विद्वानों और बुद्धिजीवियों की तरह जीना शुरू करना ही होगा। हमे इस नकारात्मकता के कीचड़ में फसें रहना बंद करना ही होगा। सकारात्मक बनना होगा। और अधिक उपयोगी बनना होगा। शांत होना होगा।
जो अपरिहार्य है उससे डरते रहने का कोई अर्थ नहीं है – इसे समझना और स्वीकारना ही होगा आज नहि तो कल।
बुद्धिमान व्यक्ति शांत रहता है क्योंकि बुद्धिमान व्यक्ति को पता है कि उसे क्या करना है, क्या पढ़ना है, क्या देखना है तथा क्या सुनना है। वो न तो सनसनी फैलाते हैं और न ही उसे फैलाने वाले लोगों पर या कामों पर प्रतिक्रिया देते हैं।
मगर मैं ये कतई नही कह रहा हूँ कि आपको समस्याओं से नजरें चुरानी है। नही। सकारत्मक और समझदार होने की पहली सीढ़ी ही यही है कि समस्याओं को स्वीकार कीजिये और उनकी आंखों में आंखे डाल कर देखिए कि उन्हें आप कैसे हल कर सकते है। आप क्या कर सकते हैं। और जो भी आप से बन पड़े करना, होंसला रखना, बगैर डरे अपनी जिम्मेदारी निभाना ही सकारात्मक और विद्वान होने की निशानी है।
अगर आपको कोरोना कोई अंतराष्ट्रीय, या सरकारी या किसी कंपनी द्वारा आयोजित षड्यंत्र लग रहा है तो लगने दीजिये, मुझे भी यही लगता है। अगर इस बीमारी का इस तरह से फैलना, आपको शासन प्रशासन का कुप्रबंध, कोई एजेंडा, उनकी भूल या असफलता लगती है तो लगने दीजिये क्योंकि मुझे भी ये सब इनकी नालायकी और दिमागी दिवालियेपन की निशानी लगता है।
मगर अब हम को इसे समझने और समझाने के अलावा भी तो कुछ करना पड़ेगा। इस भय और डर के माहौल में खुद को विक्षिप्त होने से बचाना होगा। इस बीमारी की गम्भीरता को समझकर, इस से लड़ने में जुटना होगा। अपनी और अपने परिवार की इससे रक्षा करनी होगी।
अगर खुद से औरों के लिए कुछ ज्यादा न हो सके तो उन लोगो की मदद करनी होगी जो रात दिन एक कर इसके खिलाफ लड़ने में लगे है। कम से कम उनकी हौसला अफजाई तो करनी ही होगी।
हम सब को ईश्वर से प्रार्थना करनी होगी की इस खतरनाक महामारी को अपनी असीमित शक्ति से मिटा दे और जो भी इस कोरोनो वायरस से संक्रमित हैं उन सब को जल्द ही स्वस्थ कर दें, और प्रार्थना करनी होगी के जो भी डॉक्टर, नर्सें, लोग अपनी जान की परवाह किये बिना अपनी पूरी तन्मयता और शिद्धत के साथ इसे हराने में जुटे हैं उंनको स्वस्थ्य व कुशलतापूर्वक रखे, उन पर विशेष कृपा करें।
प्रभु हैं, जल्द ही सब ठीक कर देंगे, विश्वास रखिये 🙏