Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
प्रतिपल ईश्वर को अपने जीवन की रक्षा करने के लिए कहना, उन्नति के लिये कहना, कभी कोई कठिन परिस्थिति न आये ऐसा कहना या ऐसा सोचना के कभी सूर्यास्त न हो बिल्कुल गलत है। हमे तो समस्त सृष्टि में अखण्ड भाव से विराजमान ईश्वर से ये मांग करनी चाहिये कि जैसे आदिमानव बगैर किसी संसाधन और संपन्नता के सभी प्रतिकूलताओं को हरा कर सिर्फ अपने आत्मबल और धर्य से आगे बढ़ते गये – उन्हें अपने अनुकल बनाते चले गए, बस ऐसा ही साहस, आत्मबल, धीरज, कौशल, शक्ति और ऊर्जा हमे भी दे दें – ऐसी ही कृपा एक बार पुनः हम पर भी कर दें।
हमे उनसे अधिक संसाधनों और सहायता की मांग के बजाये ये प्रार्थना करनी चाहिये कि वो हम पर ऐसी कृपा करें कि हम बगैर किसी सहायक के, मदद के सिर्फ स्वयं के पुरुषार्थ, सामर्थ्य, योग्यता, बुद्धि और कर्मों के बल पर अपने जीवन की नैया को सफलतापूर्वक पार लगा सकें।
अनुकूल और मनभावन परिस्थितियों में नतमस्तक रहना और जब अभी जैसी प्रतिकूल और विषम परिस्थितियां हो तो किसी पर दोषारोपण किये बगैर अपनी सांसारिक जिम्मेदारियों को रूचि पूर्वक और पूरी शक्ति से निभाना, उनकी ही प्रार्थना है।
हर परिस्थिति में उनके प्रति आभार और विश्वास प्रकट करने के लिए अपने मन को तैयार करना- समझाना ही उनकी प्रार्थना है।
हमे प्रार्थना करनी चाहिये कि हमारे कृत्यों से, विचारों से, अभिप्रायों से सारा आलम सदैव खुशी से जगमगाया रहे, घर- संसार में असाधारण शांति, संतोष, प्रसन्नता और प्रफुल्लता का आनंद छाया रहे।
मैं अपने आराध्य प्रभु से आज प्रार्थना करता हूँ की आने वाला प्रत्येक सूर्योदय आपके लिए उत्साह एवं आशा की नई किरण और प्रत्येक सूर्यास्त सुख, चैन, शांति और सब ठीक है का विश्वास ले कर आये। प्रभु आपको और आपके परिवार – कुटुंब को सदैव स्वस्थ और सानंद रखें। मंगल शुभकामनाएं 💐