Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
जीवन मे सब महत्वपूर्ण चीजें जैसे कि मनुष्य जन्म, मृत्यु, मोक्ष, परिवार, बंधन, यश व अपयश परमात्मा के हाथ में ही हैं। आज भी ये सब उन्ही के यानी के प्रकृति के हाथों में ही है। इसीलिए भलायी इस मे है कि जीवन को अपनी इच्छाओं के अनुकूल नहीं, बल्कि ईश्वर की इच्छा के अनुसार चलाया जाये।
सूरज, चांद, तारे, समुंदर, धरती-आकाश और तो और जितने भी पेड़ पौधे हैं, वो सब प्रकृति और कुदरत से जुड़े हैं, प्राकृतिक अनुकूलता, क्रिया और प्रतिक्रियों का हिस्सा हैं। शायद इसीलिए इनकी सार्थकता बनी हुई है अभी तक।
ये बात हम सबको भी देर सबेर समझनी ही पड़ेगी की ईश्वर, प्रकृति और इस सृष्टि से जुड़े बिना हमारा भला हो पाना असंभव है।
इसीलिए मैं हमेशा कहता हूं कि अपने जीवन रथ कि बागडोर ईश्वर को सौंप कर हमे अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार चुने हुए या उनके द्वारा दिये गए कार्यों में अपनी सारी ताकत, युक्ति, भक्ति और शक्ति से जुटे रहना होगा, हर हालत में। यही उनकी सही प्रार्थना होगी और यही रास्ता हमारी उन्नति और सद्गति का कारण भी बनेगा।
एक बात और – जो लोग ये समझने लगे हैं कि ईश्वर ने अब देखना सुनना बंद कर दिया है, वे गलत हैं। ईश्वर आज भी सर्व व्यापक है, सर्वज्ञ है, सभी के कर्मों के दृष्टा हैं। सबको अपने अपने कर्मों का फल अवश्य भुगतना पड़ेगा चाहे देर हो या सवेर। अकारण ही सुखद-दुखद परिस्थितियां नही बनती हैं। अपने कर्मों के फल भुगतने ही होंगे।
कर्म करने से पहले एक बार अवश्य सोचें क्या मैं यह सही कर रहा हूं या गलत। मैं याद दिला दूँ की केवल सत्कर्म और अच्छे कार्य ही आपको परमात्मा की कृपा, अनुग्रह, अनुकंपा तथा उनसे पुरस्कार का पात्र और हकदार बनाते हैं, बुरे कार्य नही।
मैं अपने आराध्य प्रभु से आज प्रार्थना करता हूँ की आपकी वाणी, विचार, व्यवहार और सत्कर्मो की वजह से आपको सभी का स्नेह, दुलार, आशीर्वाद और शुभकामनाएं प्राप्त होती रहें। आपके सभी शुभ संकल्प जल्द ही पूरे हों। आप सदैव प्रसन्नचित, स्वस्थ, निरोगी और तंदुरस्त बने रहें। मंगल शुभकामनाएं 💐