ईश्वर जो सदा से प्रकट हैं, जो सब जगह मौजूद हैं। क्या आप उन्हें पहचानते हैं?

ईश्वर तो सदा से प्रकट हैं, सब जगह मौजूद हैं। जो पहले से प्रकट है वो और अधिक क्या प्रकट होंगे। हाँ, ये हो सकता है कि अभी आप उन्हें पहचानते नहीं हो।

जिस किसी को भी आपके भीतर सम्भावनायें, अच्छाई दिखाई दे रही हैं, जो आपके आत्मविश्वास को बढ़ा रहा है या जाग्रत कर रहा है, जो भी आपको लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्साहित – प्रेरित कर रहा है वो सब लोग उस ईश्वर की विभूतियां ही तो हैं। जिस किसी को भी आपकी खुशी और सुख की चिंता है वही तो उस सर्वव्यापी का अंश है।

श्रृंगार और मधुर भाव से खिले हुए प्रत्येक सुगंधित पुष्प में ईश्वर है। नदी, सागर, जंगल, आसमान में उड़ते चहकते पंक्षि तथा उगता छिपता सूरज सब के सब आनन्दस्वरूप विभूति का प्रसार ही तो हैं।

नाचते-गाते, दौड़ते-गिरते-सम्हलते बच्चों में ईश्वर हैं। अपने लक्ष्य के लिए परिश्रम करते हुए लोगों में ईश्वर हैं। जो भी निडर है, निरभिमानी है, विनम्र – सहज – सरल हैं उन सब मे परमात्म तत्व की विभूती की झलक देखी जा सकती है।

जो सदाचारी हैं, सज्जन हैं, जिनका मन शांत और स्थिर है, जो अधिकतर प्रसन्न रहते हैं जिनके पास होने से आपको अच्छा लगता है, अटूट शांति और प्रेम की अनुभूति होती हो ऐसा प्रत्येक जीव ईश्वरीय विभूती का प्रसार ही तो है।

जिनका शिष्टाचर-युक्त व्यवहार, सत्कर्म, नेकनीयत, मधुर व्यकितत्व, सकारात्मक सोच, मधुर एवं रोचक बातें, मनोहर रूप, उदार ह्रदय एवं बर्ताव आपको अपनी ओर आकर्षित करता है वो सब उस परम चेतना के ही तो अंश हैं। जिनसे अपने मन की बात करना बेहद आसान हो, जो व्यवस्था से चलते हों, जो सौम्य – सुशील और मनभावन हों, जो जागरूक, प्रबुद्ध, आश्वस्त और आशावान हो तथा आपको भी निरन्तर आशा और होंसला देते हैं उन सब में निश्चित ही ईश्वरीय विभूती की झलक देखी जा सकती है।

असल मे तो हम सब में उस सचिदानन्द की सभी विभूतीयां, सामर्थ्य, अनंततायें, विशिष्टतायें तथा विशेषतायें मौजूद हैं। बस अपने शुभ-संकल्प और प्रयत्नों से उस दैवत्त्व, सौंदर्य, माधुर्य तथा पूर्णता को प्रकट करने की – उजागर करने की जरूरत है। अपने और दूसरों के भीतर इसी ब्रह्मांश को प्रकट होने का अवसर देना ही शायद हमारी सच्ची प्रार्थना है।

मैं अपने आराध्य प्रभु से आज प्रार्थना करता हूँ कि आपके सभी अशांत भावों तथा सभी विकारों का जल्द ही अंत कर दें। आपके शुभ संकल्प, नेक कार्य और ईमानदार प्रयास – आपके और आपके अपनो के सुख, समृद्धि और आनंद को बढायें तथा आप को अपने सभी दिव्य लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध हों। मंगल शुभकामनाएं 🙏🙏

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