प्रार्थना

वे सब रावण ही तो हैं जो कई कई चेहरे ले कर और अपने झूठ को गर्व से माथों पर सजाए घूम रहे हैं। हम सबने सुना है कि रावण के दस सिर थे। मगर लोग तो जाने कितने चेहरे लिये घूम रहे हैं और सुबह से शाम तक अपनी चालाकियों से कई दफे बदलते भी रहते हैं।

मगर हम सब जानते हैं कि प्रभु श्री राम का एक ही चेहरा है, चाहे सुख में मिलें या दुख में, चाहे उनको आप राजमहल में मिलते और चाहे जंगल के झोपड़े में, उनके चेहरे में कोई भेद नहीं है। वे किसी भी बनावट, धमण्ड, छल-कपट और कुटिलता से कोसों कोसों दूर रहते हैं।

इसी प्रकार जिस व्यक्ति ने एक चेहरा पा लिया, वह श्री राम स्वरूप हो गया। जो सरल-सहज हो गया, स्थिर हो गया है- वो ही श्री राम स्वरूप हो गया है। क्योंकि प्रभु श्री राम इसी – स्थिरता, सरलता, सहजता और सुंदरता का ही तो एक नाम है।

अपनी समस्त मूर्खताओं, कच्चेपन, अस्थिरता, अधीरता और अन्य मानसिक कमजोरियों का त्याग कर स्वयं को आंतरिक स्तर पर स्थिर करना, सहज और सरल करना ही हमारे लिए एक मायने में उनकी प्रार्थना है।

मेरे आराध्य प्रभु से आज प्रार्थना है कि आपके आचरण में कभी भी कोई मलिनता नही आने पाये और अनजाने में भी आपके हाथों कोई अनर्थ, अशुभ, अनैतिक एवं घृणास्पद कार्य न होने पाये। आपका मूल्यांकन जल्द ही देवताओं की श्रेणी में होने लगे।

आप हमेशा खुश रहें, स्वस्थ रहें, मुस्कुराते रहें और आपका जीवन उत्साह, उमंग, प्यार एवं खुशियों के रंगों से भरा रहे, आपके सभी शुभ प्रयास सदैव सफल हों, आज यही सब प्रभु के श्री चरणों मे मेरी प्रार्थना है। मंगल शुभकामनायें 💐

Lord Hanuman Ji

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