परमात्मा का अर्थ है स्थिरता 🙏🏼

आप जानते हैं इस बात को, मगर मैं एक बार फिर दोहराता हूँ – ईश्वर कंही भी और कभी भी आता-जाता नहीं है। आने-जाने की क्रिया तो हमारे संसार का हिस्सा है, प्रक्रिया है, जो आता जाता है वो हम हैं और हमारा मन है। परमात्मा का अर्थ है स्थिरता। सदैव होने की स्थिति का नाम ही परमात्मा है।

और इसी स्थायित्व यानी के परमात्मा का आवास आप मे है और मुझ में भी है। हर प्राणी के अंदर चेतना के रूप में वे सदा सदा से ही विराजमान हैं।

इसीलिये इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है अपने स्वंय के स्थायित्व यानी के चैतन्य को जगाने की। जरूरत है थोड़ा उसे देखने – समझने की जो आप सही मायने में हो। जरूरत है उस हिलोरे मारते हुए क्षीर सागर में डूब जाने की, एकरस हो जाने की जो आपके भीतर मौजूद है।

बहुत अकड़ के देख लिया, बहुत मूर्खता और बेवक़ूफ़ी कर के देख ली, गलत-सलत समझ के – करके देख लिया अब समय है आंखे नीची कर, प्रेम से, सह्रदयता से और श्रद्धा से आनंद के बीज बोने का। आल्हादित हों कर ऐसे गीत गाने का जिनके मूल स्वभाव में – स्वरों में सिर्फ आनंद हो – उत्सव हो। ये समय है अपने उस बुझे हुए दीए को पुनः प्रज्वलित करने का जिससे आपके आसपास का अंधकार बिल्कुल खत्म हो जाए।

मैं पुनः याद दिला दूँ की ईश्वर को मुस्कुराना पसंद है, चाहे वो आपका हो, मेरा हो या किसी और का। इसीलिये मेरे हिसाब से स्वयं प्रसन्न रहना – मुस्कुराते रहना और किसी की मुस्कराहट का कारण बनना ही उनकी सबसे बढ़िया प्रार्थना है।

कालका माई के श्री चरणों मे प्रार्थना है कि आप सदैव ही उनकी कृपा के पात्र बने रहें, हँसते – मुस्कुराते रहे तथा आपके शुभ प्रयासों, सकारत्मकता, मिलनसारी, होंसलाहफजाई, प्रेम और मुस्कान से आपका घर संसार सदैव खुशहाल, सुखप्रद, सुखमय एवं उल्लसित बना रहे। मंगल शुभकामनाएं 💐

कालका माई आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
🙏🏼 कालका माई आपकी सदा ही जय हो 🙏🏼

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: