अपने अंतस के राम को और महिषासुरमर्दिनी को एक साथ जागृत करने का पर्व है – दशहरा।

असुरत्व पर देवत्व के विजयपर्व दशहरा की बधाई और हार्दिक शुभकामनायें।

दशहरा का यह प्रेरणा पर्व हमारे मन में छाई हुई निराशाओं के बीच आशा का संचार करता है। यह त्यौहार हमें संदेश देता है की सदा सदा से उजाला ही विजयी हुआ है – नकारात्मक़ता और कालीरात चाहे जितनी भी फैल जाए, गहरा जाये या सता ले, किन्तु यदि हम अपना साहस, धर्म, धैर्य और कर्म नही छोड़ें तो उसे सूर्य उदय की पहली किरण के हाथों पराजित होना ही पड़ता है।

यह प्रेरणा पर्व दुष्प्रवृत्तियों से दूर रहने तथा सद्प्रवत्तियों को अपनाने का पर्व है। ये अपने अंतस के राम को और महिषासुरमर्दिनी को एक साथ जागृत करने का पर्व है।

मैं आज प्रभु श्री राम और कालका माई से प्रार्थना करता हूँ कि आप को जीवन के हर चरण में विजय प्राप्त हो और यह दशहरा आपके और आपके परिजनों के जीवन में नई उम्मीदें, खुशियाँ, सुख एवं समृद्धि लेकर आये। इन्ही सब मंगल कामनाओं के साथ एक बार पुनः विजयदशमी पर्व की बधाई।

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