Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
मेरे लिये या आपके लिये ईश्वर कोई प्राप्त करने की वस्तु नही है और न ही कोई उपलब्धि या सिद्धि है। ईश्वर तो बस आपको आपके स्वंय के होने का अहसास है और विश्वास है।
आपके लिये सभी विकल्प सदा से खुले थे और अभी भी हैं। आप स्वंतत्र थे और हैं जैसे चाहें वैसे जीने की लिये, करने के लिए, कहने के लिये तथा सोचने के लिए। आपके उद्देश्य, लक्ष्य, गंतव्य, मंजिल आप स्वयं निर्धारित करते हैं और कोई नही। आपका जीवन और संसार तकरीबन तकरीबन वही होता जो आप इसे बनाते हैं। इसलिये मेरा मानना है कि आपकी स्वंय की इच्छा, आपके द्वारा किये गये निर्णय और प्रयास – आपके लिए ईश्वर की इच्छा हैं।
एक बात और बता दूं कि ईश्वर के पास कोई समय नही है आपकी गलतियों को पकड़े रखने का या उन्हें आपके खिलाफ इस्तमाल करने का। उन्हें इसकी जरूरत ही नही है। आप ने पकड़ रखा है। अपनी और दूसरों की गलतियों के लिए खुद को और दूसरों को माफ कर दें, इन्हें जाने दें। इन्हें पकड़ कर अपने जीवन को गुजारने की जरूरत नही है।
अपने जीवन का सम्मान करना शुरू करें , सत्कार करना शुरू करें। ये जीवन उनकी भेंट है। आप इसके पात्र थे या नही, मुझे मालूम नही पर आपको ये भेंट मिली है। आपने इसे मांगा या नही, मगर दिव्य सांसो का अज्ञेय और अकूत खजाना आपको मिला है। आप जो नहीं समझते हैं, नही मानते हैं, जिसे जानते भी नही हैं वह भी आपको मिला है। बस इसीलिए उनके इस असीम उपकार के लिए और अमूल्य आशीर्वाद के लिए निरन्तर धन्यवाद करना, चिन्तन, मनन तथा सुमिरन करना उनकी प्रार्थना है।
उनकी प्रार्थना का एक तरीका ये भी है की हम स्वयं को अधिक बेहतर बनाने का प्रयास करते रहें। यानी के स्वयं को उच्चतर अवस्था में बनाये रखना, अपने उच्च विचारों को बनाये रखना तथा हर घड़ी शुभ प्रयास करते रहना।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि आप सदा योग्य, सक्षम, समर्थ, सर्वश्रेष्ठ, महत्वपूर्ण, मूल्यवान, कुछ खास, स्वस्थ, सुस्थिर, सुखी और सभी के प्रिय बने रहें।
मेरी आज उनसे ये वीनती भी है कि आपके जीवन मे अम्रत, आनंद, माधुर्य और समृद्धि के रंगों की बारिश हमेशा होती रहे। मंगल शुभकामनाएं।।