प्रार्थना

उम्मीद है इस बात को सब जानते हैं कि संसार के कण-कण में ईश्वर का वास है। हर जीव तथा पेड़-पौधे में उन्ही का अंश है और पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन में सबकी अपनी अपनी विशिष्ट भूमिका है।

आवश्यकता है तो इस वास्तिवकता को मानने – समझने की। आवश्यकता है इस बात को समझने की – जो हर जगह एक जैसा है, जो सभी मे है उसे अपने भीतर और अपने अस्तित्व में भी महसूस करने की, अनुभव, प्रतीति करने की।

आवश्यकता है उन्हें प्रकट करने की। आवश्यकता है वे आप मे शामिल हैं, आप मे भी उनका अंश है, आवश्यकता है कि वे आप मे आपके “मैं” से ज्यादा हैं, इस बात को उठते, बैठते, सोते, जागते; अकेले में, भीड़ में, हर बात में, आचरण में, व्यवहार में, प्रतिक्रिया में, दैनिक कार्यों और कारनामों में प्रदर्शित करने की तथा साबित करने की। बस आपके लिए और मेरे लिए यही उनकी सही मायने में प्रार्थना है।

मैं आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि आपके जीवन में आनन्द-माधुर्य, ऐश्वर्य – सौन्दर्य और दिव्यताएं स्वत: स्फुरित होने लगें।

मेरी उनसे आज ये भी प्रार्थना है की आने वाला प्रत्येक नया दिन आपके जीवन में अनेकानेक सफलतायें, सौभाग्य, उत्साह, नई उमंग और खुशियां लेकर आए तथा आपकी सभी स्थितियां और परिस्थितियां आपके अनुकूल हो जायें। मंगल शुभकामनाएं 💐

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