रविवारीय प्रार्थना

चारों तरफ ऐसे मूढ़ और मूर्ख लोगों की भरमार है जो असृजनशील हैं, जिनमे कोई समझ नही है, जिनके होने की वजह से कुछ भी घटित नही हो रहा है, जो इस संसार में कुछ भी आगे बढ़ा नही पा रहे हैं, जो असल मे तो जीवंत ही नही हैं। मेरा मानना है कि आपको उनका अनुसरण नही करना है, ऐसे जीवन व्यतीत नही करना है। आपको तो आविष्कार-कुशल – नव-प्रवर्तक बनना है। साहस-कर्ता – अन्वेषक बनना है। नए ढ़ंगों से जीवन का आनंद लेना है। संभावनाएं अनंत हैं। इस आने वाले साल में हर क्षण का अधिक से अधिक लाभ उठाने, उन्नति करने और आनंद लेने के नए उपाय खोजने हैं, कुछ सार्थक, बढिया और बड़ा करना है।

इसीलिए खुद को रूपांतरित करना, अपना सबसे बढ़िया संस्करण बनना परमात्मा की ही प्रार्थना है। परमात्मा ने जो ताकत, समझ, गुण, ऊर्जा और क्षमतायें आपको दी हैं, उनका अधिक से अधिक उपयोग करना, उन्हें उपयोग में लाना प्रार्थना है।

याद रखिये, आपको नये चित्र बनाने हैं, नई कहानी, कविता या गीत रचने हैं, ऐसा लिखना है जिसे सदियों तक पढ़ा जाये। ऐसे कार्य करने हैं जिससे न सिर्फ आपकी तरक्की हो – उन्नति हो बल्कि आपके चारों तरफ खुशी, प्रेम, विश्वास, हर्ष, सद्भाव फैल जाये। जिससे आपके घर आंगन में सदा शुभता और मांगल्य की वर्षा होती रहे।

ये जो खास समय है इस साल के अंत मे – इसमे अतीत के प्रति, उस व्यक्ति के प्रति, जिससे कुछ भी कभी भी मिला है उसके प्रति कृतज्ञता महसूस करना, आदर, साधुवाद और धन्यवाद देना प्रार्थना है। समारोह पूर्वक और उत्साहपूर्वक आने वाले भविष्य के प्रति खुले रहना ईश्वर की प्रार्थना है।

मेरे आराध्य प्रभु से प्रार्थना है कि आपका जीवन जल्द ही सार्थकता, सकारात्मकता और पूर्णता: से भर जाये तथा आने वाले साल में प्रत्येक नया दिन आपके लिये शुभ समाचार लाये, अच्छा स्वास्थ्य, आनंदोत्सव और भव्य सफलता लाये। मंगल शुभकामनाएं 💐

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