Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
ईश्वरीय सामर्थ्य और उनके अनुग्रह की अपारता में विश्वास रखते हुऐ अपने कर्तव्यों-दायित्वों का निष्ठापूर्वक निर्वहन करना ही उनकी सबसे उत्तम प्रार्थना है। अपने प्रत्येक कार्य को उत्साह, कुशलता और पूरी क्षमता से करने का अभ्यास करते रहना ही उनकी प्रार्थना करना है।
जब आप किसी ईर्ष्या, मुकाबले और बेमतलब की प्रतिस्पर्धा के बगैर अपनी पूरी ताकत और क्षमताओं को अपने आत्म-उत्कर्ष और अपनी सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त करने में लगा देते हैं तब जाकर अपने भीतर उनके असीम और अनंत तत्व को अनुभव कर पाते हैं तथा स्वयं के प्रति गौरव व हर जगह परमानन्द अनुभूत करने लगते हैं। उनकी अनुभूति का दूसरा कोई रास्ता नही है, कम से कम हमारे लिये।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ की आपके अन्तःकरण की शुभता, भगवत्ता तथा ईश्वरीय अनुभूति की निरंतरता सदैव बनी रहे।
आपकी सक्रियता, चैतन्यता और उद्यमिता, आपके आंतरिक बल, सकारात्मक ऊर्जा, उत्साह और रोग प्रतिरोधक शक्ति में दिनों-दिन संवृद्धि हो तथा आपकी मनोस्थिति शांत, स्थिर, शीतल, संतुलित और सुखमय बनी रहे, ऎसी सब आज मेरी उनसे प्रार्थना है। मंगल शुभकामनाएं। 💐💐