Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
तुम ह्रदय में, तुम प्राण में.. निशिदिन तुम्हीं हो ध्यान में। हर रोम में तुम हो बसे, तुम हर श्वांस के आह्वान में। तुम ही हर्ष हो, मेरा उत्कर्ष हो.. मेरी उम्मीद बस तुम्ही से..
सुनो कृष्ण – मेरा यकीन बनाये रखना।