श्री राम का वर्णित कर्तव्यपरायण, आज्ञा पालक एवं वचन पालक चरित्र एक आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श भाई, आदर्श पति और शत्रुता में भी शिष्टता निभाने वाले आदर्श राजा के रूप में हम सभी को सदा प्रेरणा देता रहे – इसी कामना के साथ प्रभु श्रीराम के चरणों मे मेरा कोटि कोटि वंदन है 🙏

मानवीय आकांक्षाओं और संघर्षों में दिव्य रूपकों के अनुरूप मर्यादा की प्रतिस्थापना हेतु श्रीराम जी के प्राकट्यदिवस के महापर्व #श्रीरामनवमी पर आपको ढेर सारी शुभकामनाएं।

श्री राम का वर्णित कर्तव्यपरायण, आज्ञा पालक एवं वचन पालक चरित्र एक आदर्श पुत्र, आदर्श शिष्य, आदर्श भाई, आदर्श पति और शत्रुता में भी शिष्टता निभाने वाले आदर्श राजा के रूप में हम सभी को सदा प्रेरणा देता रहे – इसी कामना के साथ प्रभु श्रीराम के चरणों मे मेरा कोटि कोटि वंदन है 🙏

रामकथा केवल उनके द्वारा स्थापित रामराज्य की कथा नही है, बल्कि ये कथा हमे सिखाती है कि केवल और केवल अभिव्यक्ति में माधुर्य-पवित्रता, प्रियता-सत्यता, वचनों में निर्मलता, व्यवहार में शालीनता व शिष्टता तथा जीवन में आस्तिकता एवं कर्तव्य परायणता ही हमारे आत्मिक, समाजिक, लौकिक एवं पारलौकिक उत्कर्ष और परमात्म प्राप्ति के मार्ग को प्रशस्त करती हैं, हमे लोकप्रिय और सफल बनाती है और हमारी प्रगति की संभावनाओं को साकार करती हैं।

इसलिए आज इस शुभ अवसर पर ये सकंल्प लें कि अपने घट में बसे रामत्व को जल्द ही प्रकट करेंगे, यानी के परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिये और सिर्फ बाहरी सहायता प्राप्त करने की कोशिश में घूमने की बजाये अपनी स्वंय की भावनाओं, मान्यताओं, आकांक्षाओं, विचारणा और गतिविधियों को परिष्कृत करेंगे तथा अपने अन्तःकरण में श्री राम के सदगुणो को और अधिक परिष्कृत करेंगे।

आपके लिए सद्बुद्धि, स्वास्थ्य, संतुलन, आयुष्य तथा उज्जवल भविष्य की मंगल कामनाओं के साथ मैं प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि उन का आशीर्वाद हम सब पर सदा बना रहे।

रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे।
रघुनाथाय नाथाय सीताया: पतये नम:।।

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