Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
कल हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में कुछ विद्वान लोगों से चर्चा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उसी चर्चा के कुछ अंश यंहा संकलित किये हैं।
इसमें कतई कोई शक नही है कि श्री राम जी के महाजीवन की महान गाथा श्री रामचरित मानस शुरू से ही हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, भक्ति, जीवन मूल्यों, मर्यादा का आदर्श रही है। मगर आज मेरा सवाल ये है कि हम स्वयं रामायण जी के किस पात्र-चरित्र की भूमिका में हैं या अपने जीवन मे किस पात्र-चरित्र को आज कल ज्यादातर निभा रहे हैं? सवाल ये है कि क्या आज कल हम श्री राम की भूमिका में हैं या भरत की या रावण की या विभीषण की भूमिका को सबसे ज्यादा निभा रहे हैं? क्या हम दशरथ और माता कौशल्या की भूमिका में हैं? और कब कब हम कैकयी या मन्थरा की भूमिका में आ जाते हैं? क्या हम हनुमानजी की भूमिका में हैं? या हम में हनुमान जी बनने की संभावनाएं हैं? या उनके चरित्र को निभाने की जरा सी भी इच्छा है?
चर्चा में ये भी याद दिलाया गया कि हम में से किसी को भी हनुमानजी की तरह सीना फाड़ कर अपने आराध्य को या किसी दूसरे को कुछ साबित करने की आवश्यकता नही है लेकिन एकांत में तो हम ये कर ही सकते हैं- अंदर झांक कर देख सकते हैं की आपके मन मस्तिष्क में कौन रहता है और आप कौन से पात्र-चरित्र को अक्सर सबसे ज्यादा निभाते हैं या निभा रहे हैं?
याद रखने की बात ये भी बताई गई की जब हम श्री हनुमान जी की तरह ही शांत, निर्मल, आनंदमय, भक्तिमय और समर्पित एवं निस्स्वार्थ भाव की ऊंचाइयों पर होते हैं तथा जब भी हम श्री हनुमान जी की तरह राम काज (अपने शुभ कार्यों, कर्तव्यों और प्रतिबद्धताओं) को जी-जान लगाकर, तत्परता और कुशलता से करते हैं तब ही हम अपने उच्चतम लक्ष्यों और महान उद्देश्यों की प्राप्ति कर पाते हैं अन्यथा नही।
इसीलिये मुझे लगता है की मेरे आराध्य (श्री हनुमान जी) की भूमिका को अपने भीतर खोजना और उनके आराध्य (श्री राम जी) द्वारा स्थापित श्रेष्ठ मूल्यों को अपने जीवन में उतार कर उच्चतम जीवन-आदर्श प्रस्तुत कर अपने पूर्वजों और कुल के गौरव को आगे बढ़ाने का निरन्तर प्रयास ही हमारी सच्ची प्रार्थना है।
सब शुभेच्छाओं और मंगल कामनाओं को पूर्ण करने वाले मेरे आराध्य श्री हनुमान जी से आज प्रार्थना है कि उन जैसी बल-बुद्धि, अनुभूति, कर्तव्यपरायणता, अहंकारशून्यता, संतुलन, आत्मसंयम, सरलता-सहजता और भक्ति आप में भी आ जाये तथा आपकी सूझ-बूझ हमेशा बनी रहे, आप हष्ट-पुष्ट और स्वस्थ बने रहें, शतायु हों, प्रसन्नचित रहें और सदैव उन्नति करते रहें। मंगल शुभकामनाएं। 💐💐