Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
मुझे पता है कि आप इस बात को बखूबी जानते हैं फिर भी ये सिर्फ आपको एक बार पुनः याद दिलाने के लिये है की आपके साथ कोई है या नही है मगर ईश्वर हर पल आपके साथ हैं, हर परिस्थिति मे हर पल बस इसी भरोसे को बनाये रखना हमारी सर्वोच्च प्रार्थना है।
ये मानना और विश्वास बनाये रखना कि उनकी कृपा जैसे आप पर है वैसे ही सभी दूसरों पर भी है, प्रार्थना है। ईश्वरीय अनुग्रह की अमृत वर्षा तो सर्वत्र अनवरत रूप से होती रहती है। उसके लिए आपको या किसी को भी किसी से अनुरोध नहीं करना पड़ता है। लेकिन अपने निम्न स्तर के आचरण, व्यवहार और कर्मों की वजह से कई बार हम उनकी कृपा से वंचित रह जाते है। अपने लालच, अहंकार, दुर्विचारों औऱ दुर्भावनाओं की जो मोटी मलिन परत हम अपने दिल दिमाग पर चढ़ा लेते हैं, वही अपने आत्मस्वरूप और उनके ब्रह्मस्वरूप के साक्षात्कार में सबसे बड़ी बाधक बनी रहती है।
हृदय की पवित्रता, शुद्ध मन, हमारा सन्तुलित रहना, शुभ कर्मों का करना तथा सच्चे मन से उनका चिंतन मनन करना ही हमें उन के अनुग्रह का पात्र बनाता है। बस प्रतिपल आत्मिक उन्नति और ईश्वरयी अनुग्रह का पात्र बनने और बने रहने के लिए प्रयासरत रहना ही उनकी एक मात्र प्रार्थना है।
केवल आप ही नही बल्कि हम सभी विवेकशील हैं, योग्य हैं, अनूठे हैं, बेजोड़ हैं, अद्वितीय हैं और बस यही आपको और मुझे प्रकट करना है, यानी के अपना असली प्रकाशमान अस्तित्व प्रकट करने का प्रयास प्रार्थना है। नर से नारायण बनने की जो क्षमता पहले से ही मौजूद है उसका सदुपयोग करना प्रार्थना है।
सब मंगल कामनाओं को पूर्ण करने वाले मेरे आराध्य प्रभु से आज मेरी प्रार्थना है की आपको जगत की संपूर्ण उपलब्धियां और खुशियां प्राप्त हों तथा आपके अन्त:करण में सात्विक वृत्तीयां और दैवीय गुणों का जल्द ही प्रस्फुटन हो जाये जो आपके जीवन उन्नयन और उत्कर्ष में सहायक सिद्ध हो।
आपका की सोच और गतिविधियां जल्द ही “लौकिक से अलौकिक’ में परिवर्तित हो जाये, इन्ही कामनाओं के साथ साथ मैं आज उनसे ये भी प्रार्थना करता हूँ कि आप सदैव स्वस्थ रहें और दीर्घायु हों। मंगल शुभकामनाएं 💐