Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
हम सब लगभग सभी बातों, सिद्धान्तों व पौराणिक वैदिक मान्यताओं को जानते हैं। हम सब जानते हैं कि ईश्वर सर्वव्यापक और सर्वान्तर्यामी है। वे हमारे प्रत्येक विचार व कर्म को, भले ही हम उस कर्म को दिन के उजाले में करें या फिर रात्रि के अन्धकार में छुप कर करें, पूर्णतया जानते हैं।
इस तथ्य को हर वक्त याद रखना ही एक मायने में हमारी प्रार्थना है। क्योंकि अगर ये तथ्य हमे याद रहा तो हम से लोभ-लालसा, व्याकुलता, लालच, क्रोध या अहंकार की वजह से कभी कोई अनैतिक कार्य, दुष्टता, छल-कपट या पाप नही हो पायेगा।
क्योंकि संस्कारित, सदाचारी और कर्तव्यपरायण लोग जिनका ह्रदय निष्कलंक होता है, वे लोग ही उनको प्रिय होते हैं तथा उनकी कृपा के बड़े अधिकारी होते हैं। जो लोग छल-कपट करते हैं, कलुषित हृदय वाले होते हैं, वे उनको कभी प्रिय नहीं होते।
सारे पूजा-पाठ, सारे जतन करने के बाद भी हैं अगर लगता है कि आपके आराध्य प्रसन्न होने का नाम नही ले रहे हैं और कृपा नही कर रहे हैं तो हृदय से और शांत मन से सोचने का प्रयास कीजिए… अपने अच्छे एवं बुरे प्रयोजन, निर्णयों, विचार एवं कार्यों में अन्तर करना शुरू करिये।
भले ही आपको कोई संहिता कंठस्थ न हो, भले ही आपको कोई पूजा पाठ की विधि सही से नही आती हो, लेकिन अगर आपके होशपूर्ण जीवन मे धर्म यानी के सत्यप्रियता, उदारता, विनम्रता, करुणा, हृदय की सरलता और अभिमान हीनता है, तो जो भी आप कहेंगे, पढ़ेंगे तथा करेंगे वो सब एक प्रकार से उनकी प्रार्थना करना ही होगा।
एक बात जान लें कि लौकिक और परलौकिक लक्ष्य तब ही पूरे होंगे जब आप विकार रहित खरे हो जाएंगे। खोटे सिक्के कंही भी नही चलते हैं, फिर उनके यंहा कैसे चलेंगे।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ की आपके सभी विकार, खोट और दोष खत्म हो जायें, आपको अधिक से अधिक उनकी कृपा प्राप्त हो, आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन प्राप्त हो जिससे आपकी इहलौकिक उन्नति के साथ साथ पारलौकिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त हो सके।
मैं उनसे आज ये भी प्रार्थना करता हूँ कि प्रत्येक नया दिन आपके घर संसार में ढेरों ढेर नये हर्षोल्लास लेकर आये तथा आप तन, मन और आत्मा से एकदम स्वस्थ बने रहें। मंगल शुभकामनाएं 💐