Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
हम सब जानते हैं कि श्री कृष्ण हमारे महान ग्रँथ श्रीमद् भागवद गीता में अर्जुन को ये समझाते हैं कि वह स्वंय को उनके हाथों में छोड़ दे और स्वयं को पूर्णतः उन्हें समर्पित कर ईश्वरीय कार्यों की पूर्ति करें।
क्योंकि वे जो ईश्वर के प्रति समर्पित नही हैं या जो ईर्ष्या वश, किसी लालच की वजह से, क्रोध या हताशा के कारण या फिर सिर्फ अपने अहंकार और स्वार्थ की पूर्ति के लिये जीते हैं – मरते हैं तथा उनसे छुपा कर लगातार अनैतिक और अधार्मिक कार्य करते रहते हैं उनके कार्यों और नतीजों के लिये ईश्वर कैसे जिम्मेदारी ले सकते हैं।
अधिकांश लोग ईश्वर को मानने का ढोंग तो करते हैं मगर उन पर अर्जुन की तरह विश्वास नही कर पाते हैं। अर्जुन की तरह स्वंय को ईश्वरीय चेतना में विलय नही कर पाते हैं, उन्हें अपने भीतर या पास में अनुभव नही कर पाते हैं और यंहा तक कि दुर्योधन की तरह अपने कृत्यों को करते हुए उनके वजूद को या उनके होने को भी भूल जाते हैं। क्योंकि अगर ये भाव रहे या चेतना रहे कि ईश्वर समीप है और भीतर ही बैठें हैं या ये की उनसे छुप कर कुछ भी करना नामुमकिन है तो कोई भी दुष्कर्म करना दुर्भर हो जायेगा और पाप पर पाप नही होगा।
बस आज यही बात कहनी है कि सदैव अर्जुन की तरह अपने “मैं” को समाप्त कर स्वयं में ब्रह्म को सारी जगह दे दें। जो भी करें वो स्वयं के रूप में नही बल्कि ब्रह्म के अनुपालक, सेवक, भक्त या उनके आश्रित के रूप में करें। इस बात को याद रखें कि अर्जुन की तरह ही आप स्वंय भी परमानंद के परम अवतार से संबंधित है। अपने अंतर्निहित दिव्यता को पहचान कर धार्मिक और नीतिगत कार्यों में संलग्न रहें, ईश्वर स्वंय आपके सारथी बन जाएंगे। मन, वचन और कर्म में पवित्रता विकसित करें, आपको उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति जरूर प्राप्त होगी।
इसीलिये अपने सम्पूर्ण संसाधन एकीकृत कर उत्साह, साहस, धैर्य और आत्म-विश्वास के साथ, ईश्वर में आस्था और पूर्ण समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का और प्रतिबद्धताओं का पालन करना ही प्रार्थना है। जीवन में हर सांस में, हर धड़कन में “हे ईश्वर मेरी इच्छा पूर्ण हो” कहने की बजाये “हे ईश्वर आपकी इच्छा पूर्ण हो” कहना ही हमारे लिये सर्वश्रेष्ठ प्रार्थना है।
आपका हर दिन प्रसन्नता से भरा हो, आपका प्रत्येक पल शुभ हो-मंगलकारी हो और जीवन सदैव सरल, सुखद और सार्थक बना रहे – इन्ही सब कामनाओं के साथ साथ मैं आज उनसे ये भी प्रार्थना करता हूँ कि जल्द ही आप अपने उच्चतम आध्यात्मिक लक्ष्यों को प्राप्त कर लें तथा आप शतायु हो, सदा स्वस्थ रहे और ऊर्जावान बने रहें।
सभी स्नेहिल मित्रों, शुभचिंतकों और स्वजनों को मंगल शुभकामनाएँ 💐