रविवारीय प्रार्थना – जीवन अपने आप में अपना लक्ष्य है, अपना आनंद, अपना अर्थ एवं अपना प्रयोजन है।

आज मेरा इरादा है कि मैं आपके ध्यान में ये बात ला सकूं की हमारा जीवन ही अपने आप में एक लक्ष्य है, अपना आनंद है, अपना अर्थ एवं अपना प्रयोजन है तथा ये की जीवन जहां भी है, किसी भी रूप में, किसी भी जगह, वो महान है और पूर्ण होने की चेष्टा कर रहा है। बस।

इस बात को समझाने के लिये पेड़ पौधों का उदाहरण है। ये जब तक हैं, हर हवा के झोंके के साथ आनंद से नाचते हैं गाते रहते हैं। इनकी न तो कोई और मंशा है और न ही कोई प्रयोजन। ये सब एक प्रकार से बुद्ध ही तो हैं जो जब तक अपनी पूर्णता प्राप्त नही करते – तब तक अपनी खुशबू, सुंदरता और अपने फल फूल बिखेरते रहते हैं, चाहे कंही भी हों या किसी भी प्रजाति के हों। मेरा कहने का ये मतलब है कि जीवन जहां भी है, अनंत-अनंत रूपों में, सब जगह, उसकी शुरुआत वंही है और उसकी पूर्णता भी वंही है, सब जगह केवल जीवन ही साधन है और साध्य भी, इसके अलावा कुछ भी नही। जब तक हैं, खुश रहिये और खुश रखिये – बस यही योजना और प्रयोजन बनाये रखिये।

मुझे लगता है ये बात हम सब को समझनी होगी की जीवन का मुख्य प्रयोजन सहजता और आनंद से जीना ही है। ये भी समझना होगा कि अपने जीवन को कुशलता और सफलता पूर्वक पूर्णता की तरफ ले जाना कोई विशेष घटना या उपलब्धि नहीं है, बल्कि हमारी सभी की मूलभूत जरूरत है।

इसीलिये जीवन की परिपूर्णता को, उसके समग्र रूपों में स्वीकार कर लेना ही प्रार्थना है। बगैर किसी नाटक या पाखंड के और बगैर किसी इनकार के, जीवन जैसा है उसके साथ पूर्ण रूप से पूरी निष्ठा और श्रद्धा से जीना, उसे और अधिक महान एवं उत्कर्ष बनाना ही हमारी प्रार्थना है। अपने सम्पूर्ण कर्तव्यों को ठीक और सफल रूप में पूर्ण करते रहना ही प्रार्थना है।

आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि आपके जीवन में जो जो भी व्यर्थ है, वह अपने आप छूट जाये तथा जो सार्थक है, वह बढ़ता चला जाएगा एवं गहरा होता चला जाये।

आपके असंतोष, वैमनस्य और सभी संघर्षों के सारे ज्ञात – अज्ञात कारण आपको कभी भी कोई ऐसा कार्य करने के लिए उकसा नहीं पायें जिसका प्रतिफल आपको या आपके परमात्मा को स्वीकार न हो, इन्ही सब मनोकामनाओं के साथ साथ प्रभु से ये भी प्रार्थना है कि आप सदैव अच्छे इंसान बने रहें, स्वस्थ रहें, हंसते मुस्कुराते, गाते – गुनगुनाते रहें तथा सदा अपनी मस्ती में रहें। मंगल शुभकामनाएं।


श्री रामाय नमः। श्री राम दूताय नम:। ॐ हं हनुमते नमः।।

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