रविवारीय प्रार्थना – ईश्वर ही इस सारी सृष्टि का शुद्धतम सार हैं।

मेरे ईश्वर की असंख्य परिभाषाएँ हैं, क्योंकि उनकी अभिव्यक्तियाँ असंख्य हैं। पर मेरे लिये मेरे ईश्वर कालातीत, निराकार, निर्मल हैं और इस जीवन का स्रोत हैं। वे हमारी शुद्ध जीवंतता, जागरूकता, स्थिरता हैं, वे हमारी अच्छाई, सत्यता, नेकनीयती, निष्कपटता, प्रकाश, प्रेम और आनंद में हैं। वे ही इस सारी सृष्टि का शुद्धतम सार हैं। असल मे वे हम सब के लिए सब कुछ ही हैं।

मैं अपने इस अपरिभाष्य ईश्वर को अस्पष्ट रूप से अपने भीतर और चारों तरफ महसूस तो करता हूं, पर अभी उन्हें देख पाने में या पूर्ण रूप से उनकी अभिव्यक्ति बनने में असमर्थ हूँ। मेरी कोशिश जारी है। लेकिन एक बात जरूर है कि दिन प्रतिदिन मुझमें यह विश्वास बढ़ता जा रहा है कि केवल वही वास्तविक हैं और बाकी सब कुछ असत्य।

इस रहस्यमयी आत्मशक्ति को जो हम सब में व्याप्त हैं उसे अपने भीतर से लगातार सहज भाव से अभिव्यक्त होने देना ही हमारा प्रथम उद्देश्य है, प्रयोजन है। मेरा मानना है कि हमारी अवस्था भले ही दीन-हीन हो या समृद्ध और संपन्न… अपने इस असली उद्देश्य, अपने जीवन स्त्रोत और अपनी मौलिकता पर हर हाल में टिके रहना…छोटे से छोटे कार्य में भी उनकी अभिव्यक्त करना ही मूलमंत्र है… यही सबसे बडी प्रार्थना है।

यकीन मानिये की हम सब का जन्म या बाकी जो भी कुछ इस सृष्टि में है वो कोई संयोग नहीं हैं – मतलब से भरा हुआ है – एक एक चीज और एक एक जीव सार्थक एवं महत्वपूर्ण है। नियन्ता आपके माध्यम से कुछ करना चाहता है, कुछ पूरा करना चाहता है। अगर आप इस बात को गौर से समझगें तो पाएंगे कि ईश्वर स्वंय आपके भीतर ईश्वर की भांति रह कर, ईश्वर की भांति ही स्वयं को व्यक्त और अभिव्यक्त करना चाहता है। यही आपके और मेरे होने का शायद प्रमुख कारण है और ये समझ बनाये रखना हमारी सर्वोच्च प्रार्थना 🙏।

आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ की आपकी हर अभिव्यक्ति से, सोच- विचार, व्यवहार, शब्दों और आपके हर छोटे बड़े कार्य से आपके ईश्वरत्व की झलक प्राप्त होने लगे। आपकी वाणी की कोमलता, शब्दों की मधुरता, स्वभाव की शीतलता एवं विनम्रता, विचारों की शुद्धता एवं सुन्दरता, हृदय की विशालता तथा उनकी अनुकम्पा और कृपा से आपके जीवन का सफर सुगम और सुमधुर हो जाये तथा सभी रिश्तें दिव्य सुगन्ध से भर जायें। 

आप सतत स्वस्थ, शांत, मजबूत और संतुलित बने रहें, इसी कामना के साथ साथ मेरी आज प्रभु जी से प्रार्थना भी है कि आपके चेहरे पर सदा मुस्कान बनी रहे और आपके घर आँगन में खुशियों का वास सदा बना रहे। मंगल शुभकामनाएं।

श्री रामाय नमः। श्री राम दूताय नम:। ॐ हं हनुमते नमः।।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: