Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
हम सब के सब मुखौटे लगाते हैं। समय समय पर झूठ सच बोलते हैं, अपने फायदे के लिये। मैं जानता हूं कि हम सब राजनीति करते हैं, क्योंकि इस वक्त जो बाहरी जिंदगी है वँहा सभी राजनीति कर रहे हैं, सबने ही मुखौटे लगा रखे हैं। सभी झूठ सच बोल कर अपना काम चला रहे हैं। मुझे नही पता कि इसमें कितना गलत है और कितनो सही।
मैंने देखा है कि लोग जिससे कह रहे होते हैं कि आपसे मिल कर मज़ा आ गया, भीतर ही भीतर कह रहे होते हैं, समय बर्बाद हो गया 🤭।
मगर ये सरासर गलत है कि इसकी आपको आदत ही लग जाये, सोते जागते आप अपने मुखौटे को लगा कर ही रखें। अपने घर वालों और मित्रों के साथ भी राजनीति करें। आपकी सब की सब बातें झूठ हो जायें। धोखाधड़ी – जालसाजी आपके जीवन यापन का साधन कैसे बन सकती है। ये अच्छी बात नही है।
आप घर मे भी राजनीति करने लगते हैं, मित्रों के साथ राजनीति चल रही है। आप दूसरों को देते देते अपने लोगों को जो आपको अपना सब कुछ मानते हैं उनको भी धोखा देने लगते हैं। उनसे भी आप रूटीन में झूठी बातें कहने लगते हो। आपकी यही आदत जटिलता पैदा करती है।
धीरे धीरे आप इतने कुशल हो जाते हैं कि आप स्वयं को भी धोखा देने लगते हैं, स्वयं से भी झूठ बोलने लगते हैं – ढोंग करने लगते हैं। ऊपर से दिखावे के लिये प्रार्थना करते हैं, मगर न व्यवहार बदलता है न ही कोई ईश्वरीय गुण या सत्प्रवृत्ति अपनाते हैं और न ही आपका ह्रदय पिघलता है, बस झूठ मुठ में प्रार्थना हो जाती है।
मैं बस आपको अपने लेखों के माध्यम से कुछ इस तरह की बातें याद दिलाता रहता हूँ, क्योंकि मेरा मानना है कि जो भी दुष्प्रवृत्ति है या जो गलत रूटीन या बुरी आदत बन गईं हैं – उनके प्रति जागना, उनको देखना, पहचानना और समझना ही शुरुआत है। धीरे धीरे हमारी अंडरस्टैंडिंग, उनके बाबत हमारी समझ बढ़ती चली जाती है और वे सब समझ के अनुपात में ही परिवर्तित होती चली जाती हैं – ठीक होती चली जाती हैं।
महात्मा बुद्ध ने एक बात कही है की जिस घर में अंधेरा होता है उसमें चोर आते हैं तथा जिस घर में दीया जलता होता है उसमें चोर आने से डरते हैं। जिस घर के द्वार पर पहरेदार बैठा होता है उसमें तो चोर कभी नहीं आते। बुद्ध ने कहा, ऐसा ही मनुष्य का चित्त भी है। जिस चित्त में बोध का दीया जलता है, उस चित्त में वे वृत्तियां नहीं आतीं जो घातक हैं। और जिस चित्त पर सजगता का, जागरूकता का, अवेयरनेस का पहरेदार बैठा होता है, उस चित्त में तो कोई भी बुराई प्रवेश करने में असमर्थ हो जाती है।
मुझे पूरी आशा और उम्मीद है कि मेरी इन कुछ बातों पर सोचने, विचारने, समझने से शायद उसमें से कुछ आपको दिखाई पड़ जाए। और यकीन मानिये की जो भी दिखाई पड़ जाए, जो भी समझ आ जाये वही कुछ आपको प्राप्त हो जाएगा – सिद्ध हो जायेगा।
मुझे पूरी उम्मीद है यकीन है कि जो परमात्मा मेरे आपके भीतर छिपा बैठा है, एक दिन हम उसे जरूर पा लेंगे 🙏।
इसलिये आज आज अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूँ की आपका मन ऐसा मंदिर बन जाये कि जहां ध्यान का दीपक हमेशा जलता हो, जहां जागरूकता और अवेयरनेस का पहरेदार 24 घण्टे बैठा हो तथा आपका सामान्य सा दिखता हुआ – झूठ सच से भरा हुआ जीवन दिव्य जीवन में परिवर्तित हो जाये। आपके हाथों गलती से भी कोई गलत कार्य न हो। आपका प्रत्येक कार्य, सोच और शब्द आपको और महान बनाये – दिव्य बनाये।
प्रभु की सुगंध, उनका स्पंदन और उनका सौरभ आपके जीवन मे सदा बना रहे। आपके जीवन में शुचिता, सुमधुरता एवं सुमति सदैव बनी रही। इन्ही कामनाओं के साथ साथ प्रभु जी से आज ये भी प्रार्थना है कि आप दिनोदिन स्वस्थ, सुंदर, सुद्रढ़ एवं सार्थक होते चले जाएं। मंगल शुभकामनाएं।