Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
मुझे पता है कि आप के जीवन का लक्ष्य भी तुच्छ से महान, सामान्य से असामान्य, आत्मा से देवात्मा तथा देवात्मा से परमात्मा बनने का है। परमात्मा के अनुग्रह तक पहुँचने का है और उनके अनुग्रह से चिर स्थायी आनन्द प्राप्त करने का है।
मैं एक बार दुबारा याद दिला दूँ की हम सब जन्म से ही अनंत संभावनाएं और विशिष्टतायें ले कर पैदा हुए हैं, निर्दोष और निरपेक्ष शिशु के रूप में ईश्वरिय गुण एवं ईश्वरियता लेकर पैदा हुए हैं। लेकिन जैसे जैसे उम्र बढ़ती जाती है हमारा मूल “ईश्वरत्व” हाशिए पर चला जाता है और हम जीवन की आपा धापी में भूल जाते हैं कि पूर्णत्व की प्राप्ति ही हमारा असल लक्ष्य था। अल्पकाल के लिये प्राप्त इस जीवन में हमको इस लक्ष्य प्राप्ति के लिये ही सब प्रयत्न करने चाहिये, अखण्ड-प्रचण्ड पुरुषार्थ करने चाहिये।
इसीलिए मेरा मानना है कि आप अपनी प्रार्थना को उनके गुणगान से – भजन से या जैसे चाहें वैसे आरम्भ करें, पर उसे वहीं तक सीमित न रखें। उसके साथ-साथ अपने चित्त, बुद्धि, मन को परिष्कृत करते चले जायें, अज्ञानता या प्रमाद के कारण या फिर किसी होड़ में शामिल हो कर जमा कर लिये छिछोरेपन, नीचता, पाखण्ड और क्षुद्रता का त्याग करते चले जायें तथा अपने चिन्तन और चरित्र को ऊँचा उठाते चले जायें।
अपने विचारों को निरन्तर प्रबुद्ध और उन्नत बनाना, अपने आचार व्यवहार में श्रेष्ठता लाना, पारमार्थिक प्रवृत्तियों में निरंतरता लाना, सदा शुभ कर्मों में संलग्न रहना ही हमारे जीवन को उन्नत, उज्जवल और सफल बनाता है। इसके अतिरिक्त जीवन को सफल बनाने का या पूर्ण बनाने का तथा ईश्वर के अनुग्रह को प्राप्त करने का और कोई उपाय हम मनुष्यों के पास नही है।
याद रखिये की प्रतिपल अपने प्रत्येक शब्द, सोच, विचार और अपने प्रत्येक कृत्य से हम स्वयं का निर्माण कर रहे हैं या उसका नाश कर रहे हैं, ईश्वर के निकट जा रहे हैं या उनसे दूर जा रहें हैं। इसलिए एक-एक कदम सूझ-बूझ कर उठाना और हर पल में होश से जीना ही हमारी सबसे बड़ी प्रार्थना है।
आज मेरे आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना है कि आपके शुभ संकल्प, सकारात्मक विचार, मनभावन शब्द और जितना हो सके उतने कार्य स्वयं करने की कोशिश जल्द ही आपके जीवन में अनेक अनुकूलताओं का सृजन कर दे और आप अविराम गति से पूर्णतत्व की ओर अग्रसर होते चले जायें। रिद्धि – सिद्धि तथा अनेकानेक सफलतायें स्वयं आकर आपके दरवाजे को खटखटायें और आपको धन-धान्य, आरोग्य और मांगल्य से समृद्ध कर दें।
आपके अच्छे स्वास्थ और दीर्घ आयु की प्रार्थना के साथ एक बार पुनः आपको मकरसंक्रांति के पावन पर्व की बधाई। मंगल शुभकामनाएं 🙏