रविवारीय प्रार्थना – आपके सभी शुभ कर्म तेजी से पल्लवित, पुष्पित एवं फलित हों।

मेरा ही नही लगभग हम सभी का मानना है कि इंसान ईश्वरयी चेतना का एक विकसित दैवीय स्वरुप है और हमारा जीवन धरती पर ईश्वर का एक विशिष्ट उपहार है।

लेकिन शायद हम सब इस बात को नही मानते हैं कि इस जीवन में जो सहूलियतें, अधिकार, विशेषताएं, सौन्दर्य और सामर्थ्य प्राप्त हैं वह किसी विशेष प्रयोजन के लिये हैं। सुन्दर शरीर, विचार, विवेक, भाषा और कर्म करने की स्वतंत्रता जैसे बहुमूल्य उपहारों का फायदा – इनकी सार्थकता तब है जब हम इनका सही उपयोग करें – इन्हें ईश्वर-प्राप्ति की चरम शान्ति-दायिनी स्थिति को प्राप्त करने में लगा कर रखें।

जन्म-जन्मान्तरों के प्रारब्ध को सुधारने, अपनी पूर्णता को प्राप्त करने तथा युगों युगों की इस यात्रा की थकान मिटाने के लिये मिले इस बहुमूल्य अवसर को खोना नही है। हमे अपने ज्ञान, बल, बुद्धि और उपलब्ध सभी साधनों का इस्तेमाल करते हुए, पुरषार्थ करते हुऐ तथा जीवन को उसकी परिपूर्णता में जीते हुए इस बार देवत्व यानी पूर्णत्व यानी मोक्ष की ओर बढ़ना ही नही है अपितु उसे पूर्ण प्राप्त भी करना है।

आपके इस जीवन का लक्ष्य कुछ भी करके क्षणिक सुख प्राप्त करना नहीं है, अनैतिक और दुराचारी जीवन जीना नही है। याद रखिये की संकीर्णता, स्वार्थ, लालच, धोखाधड़ी सनातनी जीवन पद्धति नही है। वेदों के अनुसार नैतिकता, सिद्धांत और धार्मिक दायित्वों पर आधारित कर्म कर के स्थायी शान्ति एवं चिर-स्थायी आनन्द प्राप्त करना ही हमारा परम् लक्ष्य है।

सनातन धर्म में जीवन पुरुषार्थ (सकारात्मक प्रयास) का पर्याय माना गया है। इसीलिये मेरा मानना है कि इस जीवन में स्थायी शान्ति, चिर-स्थायी आनन्द तथा सभी अर्थों में अधिक से अधिक अर्थपूर्ण अस्तित्व पाने की दिशा में किये गए निरन्तर प्रयास (पुरषार्थ) ही हमारी प्रार्थना है। नित्यप्रति उनका नाम जप करते हुए शुभ कर्म करना तथा अपनी जिम्मेदारियों, प्रतिबद्धताओं और कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक पालन करना ही सर्वश्रेष्ठ प्रार्थना है।

मैं आज अपने आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना करता हूँ कि आपके विचार और अनुभव अपने जीवन के प्रति और ईश्वर के प्रति आपकी समझ को सतत बढ़ाते रहें तथा आप स्वयं धीरे धीरे सकारत्मकता और उनके सभी 16 गुणों के प्रतीक एवं पर्याय बन जायें।

आपके सभी शुभ कर्म तेजी से पल्लवित, पुष्पित एवं फलित हों, इसी कामना के साथ साथ उनसे ये भी प्रार्थना है कि आप सर्वदा स्वस्थ और प्रसन्नचित्त रहें। मंगल शुभकामनाएं 💐

श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।

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