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ईश्वर ही इस सारी सृष्टि का परम सत्य है और इसका सार है। और यदि ईश्वर सबकी निजी अपेक्षाओं, इच्छाओं या धारणाओं के आधार पर इस सृष्टि को चलाना शुरू कर दें तो इस ब्रह्मांड का संतुलन और उसकी सहज व्यवस्था पल भर में… Continue Reading “सबका भला सर्बत्त दा भला – अरदास करना ही सही मायने में उनकी प्रार्थना है।”
बुद्धिमत्ता, समृद्धि और सौभाग्य के प्रतीक प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश जी की आराधना के महापर्व गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं। शुभ कार्यों में सफलता का वरदान देने वाले भगवान गणेश इस बात का भी प्रतीक हैं की जिंदगी में खत्म होने जैसा कभी… Continue Reading “गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏”
असल मे तो राम और आत्मा में फासला शुरू से ही नही है, पर हम इस बात को देर से समझते हैं या शायद समझते ही नही हैं। हम ही तो आत्माराम हैं जिसमे दोनों हैं। आप और परमात्मा कभी भी अलग नहीं थे,… Continue Reading “आत्माराम”
केवल अप्राप्त को प्राप्त करना ही नही, बल्कि जो मिला है, प्राप्त है, मौजूद है या फिर जो भी जीवन यात्रा में प्राप्त होता जाये, मिलता जाये – उसके साथ और उसका उत्सव मनाना, नृत्य करना, गीत गाना और धन्यवाद देना ही बस जीवन… Continue Reading “प्रार्थना”
रात के ढाई बजे था, एक सेठ को नींद नहीं आ रही थी । वह घर में चक्कर पर चक्कर लगाये जा रहा था। पर चैन नहीं पड़ रहा था । आखिर थक कर नीचे उतर आया और कार निकाली। शहर की सड़कों पर… Continue Reading “खुद पर और अपने ईश्वर पर विश्वास रखें”
माँ सरस्वती से प्रार्थना है कि आज से हर सूर्योदय एक नई उमंग, नया उत्साह, नई ऊर्जा ले कर आये और आपकी हर सुबह नई उम्मीदों और अवसरों से भरी रहे। माँ सरस्वती से ये भी प्रार्थना है की आज से हर सूर्यास्त एक… Continue Reading “बसंत पंचमी व सरस्वती पूजा की हार्दिक बधाई।”
सृष्टि की उत्पत्ति और इसकी स्वयं प्रेरित तथा स्वचालित व्यवस्था ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है। ये सच लगभग हम सब जानते हैं। असल मे तो जीवित रहने की लगभग सभी जरूरी क्रियायें मेरे या आपके सोचने या करने से संबंधित ही नहीं है।… Continue Reading “प्रार्थना”
हमारे वेद बताते हैं कि सच्चिदानन्द ईश्वर तो आकार से रहित निराकार है। ईश्वर के असली रूप की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। कम से कम हम जैसे साधारण बुद्धि वाले मनुष्य तो नही कर सकते हैं। इसलिए हम अपनी अपनी कल्पना… Continue Reading “प्रार्थना”
आज पहली बात तो ये की देवताओँ और असुरों का अलग कोई अस्तित्व नहीं है। एक ही व्यक्ति में दोनों मौजूद हैं। आप का बेवजह क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, या किसी के खिलाफ लगातार नाराजगी, अनिवार्य रूप से आपके असुरत्व को प्रगट करता है और… Continue Reading “प्रार्थना”
जब लोग ये मानने लगें हैं कि समस्त धर्मों ने आदमी का शोषण किया है, तो मैं ये बता दूँ कि हमारे धर्म ने, शास्त्रों ने और किसी भी अवतार ने हमे पापी नहीं कहा है। उन्होंने तो सभी को ब्रह्म—स्वरूप माना है। वेद,… Continue Reading “राम जैसा नाम और प्रतिष्ठा पर रावण जैसी सोच तथा जीवनशैली।”