Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
हमारे वेद बताते हैं कि सच्चिदानन्द ईश्वर तो आकार से रहित निराकार है। ईश्वर के असली रूप की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। कम से कम हम जैसे साधारण बुद्धि वाले मनुष्य तो नही कर सकते हैं। इसलिए हम अपनी अपनी कल्पना… Continue Reading “प्रार्थना”
आज पहली बात तो ये की देवताओँ और असुरों का अलग कोई अस्तित्व नहीं है। एक ही व्यक्ति में दोनों मौजूद हैं। आप का बेवजह क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, या किसी के खिलाफ लगातार नाराजगी, अनिवार्य रूप से आपके असुरत्व को प्रगट करता है और… Continue Reading “प्रार्थना”
जब लोग ये मानने लगें हैं कि समस्त धर्मों ने आदमी का शोषण किया है, तो मैं ये बता दूँ कि हमारे धर्म ने, शास्त्रों ने और किसी भी अवतार ने हमे पापी नहीं कहा है। उन्होंने तो सभी को ब्रह्म—स्वरूप माना है। वेद,… Continue Reading “राम जैसा नाम और प्रतिष्ठा पर रावण जैसी सोच तथा जीवनशैली।”
आप जिसे ढूंढ रहे हैं, मेरा विश्वास करिये, आप वही हैं। 100%। आप जरा खुद के भीतर झाँकिये तो। अपने पूर्णत्व को, अपनी श्रेष्ठता, उच्चता, योग्यता तथा अपने दिव्य सामर्थ्य को जरा पहचानने की कोशिश तो करिये। और हाँ, जो खूबियां या देवत्व आप… Continue Reading “आप जिसे ढूंढ रहे हैं, आप वही हैं।”
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि कोयला ही हीरा बनता है? या यूँ कहे कि कोई भी कार्बन आधारित पदार्थ चाहे वो राख ही क्यों न हो, हीरों में परिवर्तित होने का नर्संगिक गुण रखते हैं। सदियों तक जमीन में गहरे दबे… Continue Reading “संघर्ष ही सफलता की सीढ़ी है।”