Tag: जीवन

रविवारीय प्रार्थना – स्वयं अपने हाथों से अपने दुर्भाग्य का निर्माण क्यों करना?

दोस्तो हमारा जीवन पहले से ही एक युद्ध है- संघर्ष है। स्वयं के साथ – परिस्थितियों के साथ तरह तरह के संघर्षों और युद्धों को रोजमर्रा के जीवन मे हर कोई लड़ ही रहा है। यंहा कौन है जिसका जीवन किसी न किसी संघर्ष… Continue Reading “रविवारीय प्रार्थना – स्वयं अपने हाथों से अपने दुर्भाग्य का निर्माण क्यों करना?”

Be A Blessing!

मेरा मानना है कि अगर आप अपने जीवन को असीमित रूप से धन्य, सौभाग्यवान और आनंदप्रद बनाना चाहते हैं तो आप को दूसरों के लिये भी एक आशीर्वाद और शुभकामना बनना पड़ेगा। हम स्वयं को चाहे कितना ही कमज़ोर, अधम, निर्बल या महत्त्वहीन समझते… Continue Reading “Be A Blessing!”

🙏 प्रार्थना 🙏

हम सब बुद्धजीवी प्राणी है, हम सब भलीभांति जानते हैं कि हर परिस्थिति में अपने अस्तित्व को बचाये रखना तथा अपने जीवन को सरलता, सहजता और पूर्ण रूप से जीना ही सभी का परम् लक्ष्य है। मगर ये आकांक्षा सिर्फ आपकी और मेरी ही… Continue Reading “🙏 प्रार्थना 🙏”

केवल सम्भव को सम्हालना है, असम्भव को नही तथा वही फैलाना है जो हममें है।

आपको केवल सम्भव को सम्हालना है, असम्भव को नही। जो आप से आज और अभी हो सकता है बस उसे अपनी पूरी लगन, ताकत और प्रतिबद्धता से करना है। बाकी ईश्वर देखेंगे। खुद को जीवंत करना है, आनंदित, खुश और धन्य करना है, अपनी… Continue Reading “केवल सम्भव को सम्हालना है, असम्भव को नही तथा वही फैलाना है जो हममें है।”

अपनी मूँछों पर ताव देकर अपनी शेखी बघारने और प्रतिक्रिया देने की बजाये, स्वयं की और उनकी आवाज सुनना और समझना, सफलता की गारंटी है।

ज्यादातर बातों और घटनाओं को लेकर अगर आप खुद को शांत और सहज रखते हैं तो आपको अपनी आत्मा की आवाज सुनने लगती है, ईश्वर की आवाज सुनने लगती है और आप को उस बात और घटना के लिए मार्गदर्शन और हल प्राप्त हो… Continue Reading “अपनी मूँछों पर ताव देकर अपनी शेखी बघारने और प्रतिक्रिया देने की बजाये, स्वयं की और उनकी आवाज सुनना और समझना, सफलता की गारंटी है।”

प्रार्थना

जीवन मे सब महत्वपूर्ण चीजें जैसे कि मनुष्य जन्म, मृत्यु, मोक्ष, परिवार, बंधन, यश व अपयश परमात्मा के हाथ में ही हैं। आज भी ये सब उन्ही के यानी के प्रकृति के हाथों में ही है। इसीलिए भलायी इस मे है कि जीवन को… Continue Reading “प्रार्थना”

देवता और असुर – असली मतलब!

देवता और असुर शायद मनुष्य की ही दो श्रेणीयां हैं। देवता वे हैं जिन्हें अपने से ज्यादा दूसरों की प्रशंशा करने में अच्छा लगता है, दूसरों को प्रोत्साहित करने में आनन्द आता है, खुद की बजाये दूसरों पर फूल बरसाना अच्छा लगता है। जिनको… Continue Reading “देवता और असुर – असली मतलब!”

प्रार्थना

हमारी मान्यता ये है की हम सब उस परमब्रह्म ईश्वर की रची रचना हैं और अगर हम उनकी रचना हैं तो स्वभाविक है कि उनका कुछ अंश तो हम सब में ज़रूर होगा। उनकी तरह पूरे ब्रह्मांड को ना सही, कम से कम स्वयं… Continue Reading “प्रार्थना”

प्रार्थना 🙏

हमारी मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति में ईश्वर की उपस्थिति है और हम सभी मे असीमित प्रतिभा, महत्ता, प्रभुता, शक्ति एवं सामर्थ्य छुपा हुआ है। अपनी इसी नैसर्गिक दिव्यता एवं इन्ही क्षमताओं को पहचानने और अपने में परमेश्वर को और परमेश्वर में अपने को… Continue Reading “प्रार्थना 🙏”