Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
देवता और असुर शायद मनुष्य की ही दो श्रेणीयां हैं। देवता वे हैं जिन्हें अपने से ज्यादा दूसरों की प्रशंशा करने में अच्छा लगता है, दूसरों को प्रोत्साहित करने में आनन्द आता है, खुद की बजाये दूसरों पर फूल बरसाना अच्छा लगता है। जिनको… Continue Reading “देवता और असुर – असली मतलब!”
सृष्टि की उत्पत्ति और इसकी स्वयं प्रेरित तथा स्वचालित व्यवस्था ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है। ये सच लगभग हम सब जानते हैं। असल मे तो जीवित रहने की लगभग सभी जरूरी क्रियायें मेरे या आपके सोचने या करने से संबंधित ही नहीं है।… Continue Reading “प्रार्थना”
परमात्मा इस धरती के हर कण में समाया हुआ है और जिनकी श्रद्धा होती है उंनको चारों तरफ परमात्मा और उनकी अलौकिक शक्तियां नजर भी आती है। परमात्मा की हर पल में अनुभूति करना, सदैव आनंदित रहना और छोटी-छोटी खुशियाँ में भी असीम प्रसन्नता… Continue Reading “प्रार्थना”
आपको देर सबेर ये मानना ही होगा कि भगवान यदि यहाँ नहीं है तो कहीं भी नहीं हैं और भगवान अगर आपके आज में नहीं है तो भविष्य में भी कभी नहीं होंगे। आप के अंदर और सभी के अंदर भगवान् नित्य ही विराजित… Continue Reading “प्रार्थना”
हमारी मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति में ईश्वर की उपस्थिति है और हम सभी मे असीमित प्रतिभा, महत्ता, प्रभुता, शक्ति एवं सामर्थ्य छुपा हुआ है। अपनी इसी नैसर्गिक दिव्यता एवं इन्ही क्षमताओं को पहचानने और अपने में परमेश्वर को और परमेश्वर में अपने को… Continue Reading “प्रार्थना 🙏”
कलह तथा कपट के इस युग में भगवान के नाम, यश, रूप, तथा लीलाओ का हर दिन गुणगान करना, अपने जीवन को लगातार श्रेष्ठ, परिष्कृत एवं गौरवान्वित बनाने का प्रयत्न करते रहना, अपने भीतर की अच्छाई को हर परिस्थिति में जिंदा रखना तथा अपने… Continue Reading “प्रार्थना”
आज पहली बात तो ये की देवताओँ और असुरों का अलग कोई अस्तित्व नहीं है। एक ही व्यक्ति में दोनों मौजूद हैं। आप का बेवजह क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, या किसी के खिलाफ लगातार नाराजगी, अनिवार्य रूप से आपके असुरत्व को प्रगट करता है और… Continue Reading “प्रार्थना”
मेरे विचार में प्रार्थना स्वार्थ पूर्ति का कोई साधन नही है। ये तो खुद के भीतर सोयी हुई समझ, सामर्थ्य, ऊर्जा तथा छिपे हुऐ देवतत्व को जागृत करना है। प्रार्थना का मतलब है सहज, सरल एवं शांत हो जाना। प्रार्थना का मतलब है अपने… Continue Reading “प्रार्थना”
क्या आप इस पल में कुछ खास होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, कोई विशेष लक्ष्य पूरा होने की, कुछ खास कहने की या सुनने की, अपनी किसी भूल को सुधारने की या किसी पछतावे के अलोप होने की…. नही यह क्षण प्रतीक्षा के… Continue Reading “हर क्षण का एक मोल है और आपका हर पल अनमोल है।”
जब लोग ये मानने लगें हैं कि समस्त धर्मों ने आदमी का शोषण किया है, तो मैं ये बता दूँ कि हमारे धर्म ने, शास्त्रों ने और किसी भी अवतार ने हमे पापी नहीं कहा है। उन्होंने तो सभी को ब्रह्म—स्वरूप माना है। वेद,… Continue Reading “राम जैसा नाम और प्रतिष्ठा पर रावण जैसी सोच तथा जीवनशैली।”