Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
आप ही बतायेँ आप जो श्वांस ले रहे हैं क्या वो आपकी हैं? नही, अगर कल से ये हवाएँ बन्द हो जायें तो आपकी श्वांस नही चलेगी चाहे आप के पास कुछ भी हो या आप कोई भी हो। लगभग डेढ़ करोड़ मील दूर से सूरज की किरणें आ रही हैं जिसकी वजह से आपका जीवन चल रहा है। क्या इस सूर्य के बिना आपका जीवन रह सकेगा? पृथ्वी हमारा जीवन है। यदि पृथ्वी नहीं होगी, क्या आपका जीवन रह सकेगा? और इन सब के सृजन में आपका क्या योगदान है, कभी सोचा है आपने?
आप माने या न माने, ये सब उन्हीं की मेहरबानी, करुणा-कृपा और प्रसाद है। इससे ज्यादा ईश्वर के होने का क्या प्रमाण चाहिये? और एक आप हैं कि फिर भी अहोभाव एवं अनुग्रह बोध में नही रहते हैं। प्रफुल्लित और आनंदित नही रहते हैं।
असल मे तो अकृतज्ञ रहना एवं शिकायत भाव से भरा रहना हमारा स्वभाव हो गया है। जीवन के अनन्त आनंद की वर्षा का हमें बोध ही नही होता है। लेकिन जरा सी गड़बड़ हो जाये तो उसके बोध से हम जीवन भर भरे रहते हैं। अगर हमे उन्हें उपलब्ध होना है या प्रभु को सच मे प्राप्त करना है तो जो मिला है उसके लिए धन्यवाद को गहरा करना होगा। जो पाया है उसके लिए कृतज्ञता व्यक्त करनी होगी। जो मिला है, जो वर्षों वर्ष से चौबीस घंटे मुफ्त में मिलता रहा है, जो बरस रहा है उस अनन्त कृपा के लिये अनुग्रहित हुए बगैर हम कैसे असल सफलता या परम् आनंद को पा सकते हैं।
अशान्त, व्यग्र, अहंकारी, अज्ञानी, लंबे चेहरों वाले लोग, घृणा और लालच से भरे लोग, उदास आत्मायें, थके और हारे हुए मन, दुःख पीड़ा या उदासी से घिरा हुआ चित्त परमात्मा तक नहीं पहुंच सकते हैं चाहे वो कोई भी पूजा पाठ कर लें।
उठते, बैठते, चलते, फिरते, हर सांस में समस्त जीवन के प्रति, समस्त जगत के प्रति, समस्त सृष्टि के प्रति, समस्त प्रकृति के प्रति और परमात्मा के प्रति अनुग्रह के बोध में रहना प्रार्थना है। सर्वमंगल के लिए समर्पित रहना, ऊँचा काम करना तथा सदा ही ऊँचे व्यक्तित्व का प्रदर्शन करना प्रार्थना है। याद रखिये की प्रार्थना का सही मतलब धर्म कथा वाचन नही है, अपितु उसके अनुरूप आचरण करना है।
इसीलिये जो लोग हंसते बोलते रहते हैं, खुश रहते हैं, मुस्कराते रहते हैं, फूलों की तरह अपनी सुगंध हवा में बिखेरते रहते हैं वे सही मायने में संत हैं बुद्धपुरुष हैं। किन्ही पुण्यकर्मों की वजह से अगर ऐसे लोग आपको मिल जायें जो निरन्तर आनंदभाव, अहोभाव एवं अनुग्रह बोध से भरे हुऐ हैं तो छोड़ना मत उन चरणों को। अगर आपके आस पास आपको कभी कोई एक हंसी, मुस्कराहट, एक प्रसन्न, एक हास परिहास का क्षण मिल जाये, एक उत्सव की झलक मिल जाये तो उसमें सम्मलित होने से चूकना नही है।
आज मेरे आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना है कि आप सब लोगों का जीवन करूणा, मैत्री, अनुग्रह और मुदिता के भाव से भर जाए और सदैव भरा रहे। आपके जीवन मे प्रेम बढ़े, प्रेम जगे, प्रेम गहरा हो जाये और सारी घृणा, गुस्सा, द्वेष विलीन हो जाये। सत्य बढे, सत्य विकसति हो और असत्य क्षीण होता चला जाये। शान्ति जगे, शान्ति बढ़े और अशान्ति खत्म होती चली जाये। सद्गुण बढते चले जायें तथा आपके भीतर सही मायने में धर्म-निष्ठा स्वतः ही प्रकट हो जाये।
आपकी श्रेष्ठता, सृजनात्मकता, संपन्नता, सुख, सौभाग्य, हंसी मजाक, सद्विचारों और पुण्यकर्मों में दिनप्रतिदिन बढ़ोतरी हो इन्ही सब कामनाओं के साथ साथ आज उनसे ये भी प्रार्थना है कि आप सदैव स्वस्थ और सार्थक बने रहें। मंगल शुभकामनाएं 💐
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।
