Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
अधिकतर हम देखते हैं कि “दुर्घटना” वहीं होती है, जहां इसके होने की कोई संभावना नहीं होती है। कोई आशंका नहीं होती है। लेकिन दुर्घटना वहाँ नही घटती है जहाँ इसके होने की बहुत अधिक आशंका होती है। अक्सर हमने देखा है कि दुर्गम व कठिन जगह पर यह कम घटती है।
इसका कारण है कि जहाँ भी हम खतरा महसूस करते हैं वहां हम सजग हो जाते हैं, अधिक चौकन्ने हो जाते हैं, हर कदम फुंक फुंक कर रखते हैं। इसलिए वहाँ दुर्घटना नहीं घटती है। लेकिन जहां हम खतरा नहीं महसूस करते हैं, वहां हम लापरवाह हो जाते हैं, बेहोशी मे जीते हैं और हमारी यहीं लापरवाही, दुर्घटना को आमंत्रित कर देती है।
इसलिए अपने स्वयं के अस्तित्व के प्रति पूरी तरह होशपूर्ण और सजग हो जाना है, अपनी सोच, अपने शब्दों, कार्यों के प्रति अधिक सजग हो जाना और अपने सम्बन्धों तथा गतिविधियों के बारे में होशपूर्ण जाना प्रार्थना है। जो कुछ भी हम करें यहां तक कि सड़क पर चलने जैसा एक साधारण कार्य के प्रति भी सजग होने की कोशिश करना, पूरे होश के साथ अपना एक एक कदम उठाना प्रार्थना है।
जो कुछ भी आप करते हैं, उसे अगर गहरी सजगता के साथ करते हैं, होंश में करते हैं, पूरे समर्पित भाव से करते हैं तब वो छोटी छोटी चीजें भी पावन बन जाती हैं। तब खाना बनाना और सफाई करना भी धार्मिक कृत्य बन जाता है, वह आपकी पूजा प्रार्थना बन जाती है।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना करता हूँ कि वे आपको हर प्रकार की दुर्घटना एवं अप्रिय अनहोनी से बचाएँ रखें और सदा अनिष्ट से रक्षा करें। आपके जीवन में सरलता एवं सुगमता का आगमन होता चला जाये तथा आपके समस्त कार्य निर्विघ्न संपन्न होते चले जायें।
मेरी उनसे आज ये भी प्रार्थना है की आपका जीवन और घर-आंगन हमेशा प्रचुरता, आनंद, माधुर्य, शुभ एवं श्री से परिपूर्ण रहे। मंगल शुभकामनाएं 🙏
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।।
