Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
केवल कंठस्थ शब्दों को दोहराकर, कोई पूजा पाठ या कोई धार्मिक प्रोग्राम TV पर देखने सुनने से न तो पहले कभी किसी को ईश्वर का अनुभव हुआ है या कोई फायदा हुआ है और न ही आपको होगा। जब आप अपने जीवन के हर पल में और लगभग सभी कर्मों में, अपने दैनिक आचार-व्यवहार में उन्हें शामिल करते हैं ..तब जाकर आपको कोई फायदा होता है, उनकी अनुभूति-प्राप्ति होती है। हो सकता है ये फायदा इहलौकिक न हो कर ज्यादा पारलौकिक हो। पर होगा जरूर।
क्योंकि ये एक सिद्धान्त है, जो भी हम कहते हैं, करते हैं वह फलित जरूर होता है। याद रखिये की जो हम पर लौटता है, वह हमारा दिया हुआ ही लौटता है। हां, लौटने में कभी कभी वक्त लग जाता है। प्रतिध्वनि होने में समय लग जाता है। देरी की वजह से ये पहचानने में मुश्किल हो जाती है की ये किस किये – ये कहे का प्रतिउत्तर है। हम जब बीज बोते हैं, तब थोड़े ही पता चलता है; जब फल आते हैं, तब पता चलता है की फल मीठे और रसीले हैं या कड़वे और विषाक्त हैं।
मेरा मतलब है कि जो भी आप करते हैं या किया है वही तो आपके पुण्य फल और पाप फल का कारण बनता है। कर्म-सिद्धांत का ये सीधा-साधा सूत्र है जिसे समझने और साधने में जाने क्यों जन्म-जन्मांतर लग जाते हैं?
अब पीछे जमा किये हुए कर्मफलों का तो कुछ किया नही जा सकता है पर आज से – अभी से तो उनको साफ करने के साथ-साथ, अपने हर शब्द, अपनी हर सोच, अपनी हर क्रिया और प्रतिक्रिया से केवल पुण्यफल जोड़ने की कोशिश तो की ही जा सकती है। अब जब ये बात मैंने पुनः याद दिला दी है तब तो पाप फलों को संचित करना बंद कर ही सकते हैं। याद रखियेगा की इस जन्म की एक गलती पूर्व और भविष्य के सभी जन्मों को बिगाड़ देगी।
आप जो भी अपने सामान्य जीवन व्यापन के लिए और अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन के लिये करते हैं उसमे परमेश्वर के वचनों को शामिल रखना या उनके कहे अनुसार उन्ही को समर्पित मानते हुए करना ही प्रार्थना है।
हमें मानव जीवन के रूप में जो सुनहरा अवसर मिला है उसे वैसे तो मोक्ष का सुपात्र बनने में लगाना चाहिये लेकिन हम जैसे साधारण मनुष्यों के लिये ये भी बहुत होगा कि हमें जो ऊर्जा, बल, बुद्धि या कौशल इस बार प्राप्त हुआ है उसे महत्वहीन मामलों और चीजों को करने या उनसे चिंतित होने की बजाय अपने आत्म-उत्कर्ष में लगाये रखें, अपनी उच्चतम संभावना को प्राप्त करने में लगाये रखें, उस असीमित और शाश्वत परम् को खोजने और उसे पाने में लगाये रखें तथा अधिक से अधिक पुण्य फल संचित करने में लगाये रखें। बस यही उनकी सच्ची प्रार्थना होगी।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना करता हूँ कि आपके द्वारा अनेक जन्मों में अर्जित सुपात्रता, इस बार किये गये महान सत्कर्म और उनका आशीर्वाद न सिर्फ आपके इहलौकिक जीवन, घर संसार को सुख- संमृद्धि, सम्मान और सफ़लता से भर दें बल्कि आपके पारलौकिक जीवन के उन्नयन उत्कर्ष में भी सहायक सिद्ध हों।
उनसे ये भी प्रार्थना है कि आप न केवल अपने पूर्वजों द्वारा किये गये पुण्य कार्यों को आगे बढा पाने में सफल हों बल्कि दूसरों के पुण्यफलों के संचय का भी निमित्त बन जायें।आपके स्वस्थ, श्री संपन्न और आनंद में झूमते जीवन के लिए मंगल शुभकामनाएं 🙏
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।
