Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
नमस्कार मित्रों, आज का ये रविवार आपके लिए अत्यंत शुभ हो इस कामना के साथ मैं चाहता हूं कि आप इसका उपयोग आत्मचिंतन और स्वयं को प्रेरित करने के लिये भी करें।
हम सबके जीवन में अनेक रास्ते और लक्ष्य होते हैं, अनेक मंजिलें होती हैं, जिन तक पहुंचने के लिए हम सदैव प्रयासरत भी रहते ही हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारी असली मंजिल क्या है? क्या हम जानते हैं कि वो मंजिल जो हमें बहुत दूर लगती है, वो वाकई में उतनी ही दूर है जितनी हमें लगती हैं या बस एक कदम की दूरी पर ही है 🤭?
मेरे विचार से वो असली मंजिल है – आत्मज्ञान (बोध) प्राप्त करना, परमात्मा को अपने भीतर महसूस करना और उन्हें वास्तव में पूर्णता को प्राप्त करना। यह मंजिल है अपने पुराने जन्मों के ऋण-अनुबंध, कौल-करार पूरे करते हुए, प्रतिबद्धताओं और अब के कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन करते हुए जो अनंत संभावनाएं लेकर पैदा हुए हैं उन्हें पूरा करना।
और पहला कदम है – हिम्मत करने का, चुनौती स्वीकार करने का और खुद को राजी करने का।
मंज़िल कोई भी क्यों न हो (इस बहस मे की आपकी मंज़िल क्या है इसमें आज मुझे पड़ना ही नही है) बस एक कदम की दूरी पर है। यह कदम उठाने की बात भी केवल प्रतीकात्मक है।
असल में तो कुदरती कानून और सनातन सत्य यही है की जैसे जैसे हम सरल – सहज होते चले जायेंगे, अपने चित्त, बुद्धि, मन को परिष्कृत करते चले जायेंगे, अज्ञानता या प्रमाद के कारण या फिर किसी होड़ में शामिल हो कर जमा कर लिये छिछोरेपन, नीचता, पाखण्ड और क्षुद्रता का त्याग करते चले जायेंगे तथा अपने चिन्तन और चरित्र को ऊँचा उठाते चले जाएंगे, वैसे वैसे मंज़िल पास आती चली जायेगी। जैसे जैसे हमारे विचार, संकल्प और प्रयास शुद्ध होते चले जायेंगे वैसे वैसे हमे मंज़िल मिलती चली जायेगी 🙏
मैंने कहा तो दिया है कि मंजिल बस एक कदम की दूरी पर है। लेकिन, असल में यह एक लंबी यात्रा है। जल्दी राजी मत हो जाना, जल्दी संतुष्ट मत हो जाना, राह के किनारे बैठकर आंख बंद मत कर लेना और सोचने मत लगना कि मंजिल आ गई। जिस मंजिल का मैं जिक्र कर रहा हूं उसकी यात्रा बहुत ही कष्टपूर्ण है। चलने में तपश्चर्या है, श्रम है, खून-पसीना बहेगा, अपने को दांव पर लगाना पड़ेगा 🤭।
वास्तव में यह जीवन एक जुआ ही तो है, और जो बड़े जुआरी होते हैं ( जो स्वयं को दांव पर लगाने की हिम्मत रखते हैं), वही कुछ इस जीवन मे जीत पाते हैं हासिल कर पाते हैं, अद्भुत, अविस्मरणीय और महानता तक पहुंच पाते हैं तथा वही परमात्मा तक पहुंच पाते हैं। इसीलिये एक-एक कदम सूझ-बूझ कर सही दिशा में उठाना और इस (हर) पल में होश से जीना ही हमारी सबसे बड़ी प्रार्थना है।
आज मैं अपने आराध्य प्रभु से प्रार्थना करता हूं कि जो भगवदीय गुण, असीमित और अंनत क्षमताएं एवं विशिष्टताएं आप में पहले से ही मौजूद हैं, उनका आपको बोध हो जाए, उनका सदुपयोग करना आ जाये जिससे न सिर्फ आपको सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति हो सके, आपकी प्रसन्नता और खुशियों में भी वृद्धि हो सके, बल्कि आपकी असली मंज़िल – यानी के उनका अनुग्रह और उनके अनुग्रह से चिर स्थायी आनंद यानी के आपकी मंज़िल प्राप्त हो सके।
आपको शतायु, स्वस्थ और सानंद जीवन के लिए ढेर सारी मंगल शुभकामनाएं!
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।
