Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
हम सब अलग अलग हैं और इसीलिये अपने अपने तरीके से ईश्वर को देखते हैं, मानते हैं। इसीलिये परमात्मा के अगणित नाम भी हैं। लेकिन उनमें से सबसे सुबोध और सार्थक नाम है; सच्चिदानन्द। और सच्चिदानन्द मिल कर बना है इन तीन शब्दों से सत्-चित्-आनंद।
सत् शब्द का अर्थ है सत्य, शाश्वत, अपरिवर्तनशील, अकालमूरत। चित् शब्द का अर्थ है चैतन्य, जीवंत, संवेदनशील। आनंद शब्द का अर्थ है अकारण प्रफुल्लित। सत्-चित्-आनंद असल मे प्रभु का स्वभाव है, प्रकृति है, स्थिति है।
और उन्ही का एक अंश होने से हम सब भी उन्ही के इन गुणों से, प्रकृति से स्वभाव से सुशोभित है। इसीलिये अपने विराट् सच्चिदानन्द स्वरूप की स्वयं को प्रतिमूर्ति बनाने के लिए प्रयासरत रहना ही प्रार्थना है। आप चाहें कोई भी हों, हर आध्यात्मिक यात्रा का लक्ष्य बस यही होता है की आप सभी आवरणों को हटाते हुए सच्चिदानन्द की स्थिति को जल्द से जल्द प्राप्त कर लें।
आज मेरे आराध्य प्रभु जी से यही प्रार्थना है की आपको अपने अस्तित्व और ईश्वरीय व्यवस्था जो स्थायी और अपरिवर्तनीय है वो समझ आ जाये, आपका चित्, समझ और बोध दिव्य गुणों से सुसज्जित, उच्चस्तरीय आदर्शों, आस्थाओं से युक्त हो जाये तथा अंतःकरण आशा, उत्साह, संतोष से सदा भरा रहे।
आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामनाओं के साथ साथ मैं आज उनसे प्रार्थना करता हूँ की उनकी कृपा से आपके जीवन की हर बाधा हट जाये, बुद्धि और समृद्धि का प्रकाश आपके मार्ग को आलोकित करे रखे। आप जो भी शुभ कार्य करें, वह उन की कृपा से सफल हो। मंगल शुभकामनाएं 💐
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।।
