Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
मानव जीवन का एक परम् उदेश्य है – एक मूल लक्ष्य है.. आत्मा से परमात्मा का साक्षात्कार यानि अमूल्य को पाना..व्यक्ति से व्यक्तित्व बनना।
ये रास्ता वैसे ही बहुत दुर्गम है और आपकी उदासी, मूर्खता, अज्ञानता एवं निकम्मापन इसे ओर अधिक कठिन बना देता है। वैसे भी उदासी, अप्रसन्नता, मलिनमुख, दुखी मन, उद्विग्नता, कठोकर भावनाशून्यता, खिन्नता, चिड़चिड़ाहट, क्रोध, बदमिजाजी, नकारात्मकता, निष्क्रियता केवल अहंकार का, बीमारी का, शिकस्त का, दिवालियापन का या विफलता का हिस्सा हो सकते हैं, हमारी इहलौकिक उन्नति या पारलौकिक उन्नति का कारण नही हो सकते हैं। कभी नही।
मैं ऐसा सोचता हूँ कि हम अगर कुछ बड़ा कर पाने में अभी असमर्थ हैं तो कोई बात नही पर खुश तो रह ही सकते हैं, हंस तो सकते ही हैं, गुनगुना तो सकते हैं, थोड़ा बहुत नाच गा भी सकते ही हैं?? ये सब तो हमारे हाथ है, न कि दूसरों के। याद रखिये की हँसी-खुशी ही धर्म का – जीवन का सार है।
बस इसीलिए बिना कारण खुश रहना, हर दिन उत्सव मनाना, हर वक्त किसी न किसी काम मे व्यस्त रहना, प्रतिदिन अपने आराध्य की आराधना एवं हर पल उनके प्रति अहोभाव रखना और जो आप चाहते हो तथा जो आपका परम् लक्ष्य है उसे पूरी लगन से प्राप्त करने का प्रयास करते रहना भी हमारी प्रार्थना है।
अगर आप गौर से देखेंगे तो पायेंगे कि जो लोग आध्यात्मिक हैं, महान साधु या गुरु हैं, बुद्ध या ओशो हैं उनकी प्रवृत्तियाँ, शांत अंतर्मुखी और स्थिर हो गयी हैं। उनके चारों तरफ एक आन्दोत्सव प्रतीत होता है। उनके मुख पर मुस्कान, तेज और संतोषी भाव रहता है। वंही दूसरी तरफ कुछ लोग स्वभाविक रूप से अशांत, व्यग्र, असहज, असंतुलित और अत्यन्त विचलित रहते हैं। इसका एक ही कारण है कि उनके पास सही विचार, दिशा और दशा नहीं है। मेरा मानना है कि जब मनुष्य के पास सद्विचारों का प्रकाश आता है, तब उसे शाश्वत आह्लाद की संप्राप्ति होती है। आह्लाद का अर्थ है, प्रसन्नता, शांति, स्फूर्ति, उमंग और उल्लास का आना। बस यही मेरा प्रयास होता है।
इसीलिए मेरा रविवारीय लेख केवल जो हमारे महान धार्मिक ग्रन्थों और गुरुओं ने कहा है, जो मैंने पढ़ा और समझा है उसका एक संक्षिप्त सारांश होता है जिससे आपके विचारों, आचरण और जीवन को एक नई दिशा मिल सके। मेरा मानना है कि अगर आप कुछ अच्छा पढ़ेंगे तो आपके विचार अच्छे होंगे जो आपके सकारात्मक दृष्टिकोण, उत्साह, आह्लाद, मूल लक्ष्य की स्पष्टता, आत्मविश्वास, नवीन दृष्टिकोण, उमंग और आध्यात्मिक प्रगति का कारण बनेंगे।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना करता हूँ कि आपके जीवन में प्रसन्नता, शान्ति और सहजता निरन्तर आती चली जाये। आप आध्यात्मिक आत्म-उत्कर्ष, जीवन-सिद्धि, अखण्ड-आनंद एवं परमशान्ति के मार्ग पर निरन्तर बढ़ते चले जायें।
उनसे आज ये भी प्रार्थना है कि – यश, वैभव, समृद्धि एवं आरोग्यता की वर्षा आप एवं आपके परिवार तथा घर-आँगन में सदैव होती रहे। मंगलशुभकामनाएँ।
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।
