भगवान राम के जन्मोत्सव – श्री रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

श्री रामनवमी के इस पवित्र रविवार पर, आइए हम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के गुणों को आत्मसात करें। यह पर्व केवल उत्सव नहीं, बल्कि अपने भीतर के रामत्व को जगाने और जीवन के उच्चतर मूल्यों को पहचानने का अवसर है। प्रभु राम की कृपा आप पर बनी रहे, और यही कामना है कि यह पर्व आपके जीवन में नवीन चेतना और आध्यात्मिक उन्नति का संचार करे।

आज के इस रविवारीय लेख में, मैं आपके साथ एक गहरा सत्य सांझा करना चाहता हूँ। वे सभी मूर्तियाँ, मंदिर, ज्ञान के स्रोत, पवित्र ग्रंथ और मार्गदर्शक ( मौजूदा व्यक्ति) आपके आसपास ही मौजूद हैं। जिनसे मार्गदर्शन प्राप्त हो, जिनका प्रेम एवं स्नेह सुरक्षा कवच बने, और जो आपको आत्मिक शांति व पूर्णता का अनुभव करा सकें, वे सब निकट हैं। जो आपको संयम का पाठ पढ़ाते हैं, संतोष का मूल्य समझाते हैं, और साथ ही आध्यात्मिक एवं सांसारिक उन्नति के लिए प्रेरित भी करते हैं, ऐसे अनमोल लोग आपके अत्यंत समीप हैं। आपको उन्हें खोजने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नही है।

ये मार्गदर्शक, ये स्नेहीजन, और श्री रामचरितमानस जैसे महान ग्रंथ आपके निकट ही हैं, लगभग निःशुल्क और हर पल उपलब्ध हैं। आवश्यकता है तो बस उनसे जुड़ने की और उनके द्वारा दिए गए आशीर्वचनों तथा उनमें निहित ज्ञान और निर्देशों को अपने जीवन में अपनाने की।

विश्वास कीजिए, आपके सभी भ्रम, भय और हीनता को दूर कर, जीवन के उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करना, प्रचुर बौद्धिक संपदा अर्जित करना, अपने भीतर के रामत्व को जगाना और अलौकिक योग्यताओं को विकसित करना सहज संभव है। बोधिसत्व आपके बिल्कुल निकट ही हैं और आप उससे किसी न किसी रूप में संपर्क में भी हैं; बस उस धुंधले, निष्क्रिय और उपेक्षित संपर्क को जानना है और अधिक प्रगाढ़ करना है। जो श्रेष्ठ आप पढ़ और सुन रहे हैं, उसे जीवन में धारण करना और उसका पालन करना ही सच्ची प्रार्थना है।

एक बार पुनः भगवान राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। उनका कृपा-प्रसाद आपके जीवन को सुख – समृद्धि से परिपूर्ण रखे यही मेरे आराध्य प्रभु जी से आज प्रार्थना है।

श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।।

Leave a comment