Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
हर सप्ताह के अंत में, जब मैं रविवार को थोड़ी सी आध्यात्मिक माथा पच्ची करता हूँ और फिर वो आपसे साझा करता हूँ तो लगता है कि ये ईश्वर की आज्ञा ही है कि मैं आप की सोच को बदलने की कोशिश करूँ जिससे आप अपने जीवन मे समय रहते जरूरी बदलाव ला सकें जिससे कि श्रेष्ठ करने का कोई अवसर आप से छूट न पाये।
आज का विषय एक ऐसी दौड़ है जिसमें हम सभी जाने-अनजाने शामिल हो गए हैं—दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश। हम अपनी ज़िंदगी को एक ऐसे आईने में देखते हैं जहाँ हमें हम नहीं, बल्कि दूसरे लोग नज़र आते हैं। यह दिखावे की एक अंतहीन होड़ है, जिसमें हम अपने असली स्वयं को कहीं पीछे छोड़ देते हैं।
हो सकता है आप मुझसे इस बात से सहमत न हों लेकिन ये होता है हमारे अंदर की छिपी हुई हीन भावना के कारण, खालीपन के कारण। जो इंसान अंदर से खोखला होता है, वही बाहर से सबसे ज़्यादा चमकना चाहता है। उसे लगता है कि अगर वह दूसरों से बेहतर दिखेगा, तो उसकी कमी छुप जाएगी। लेकिन जो इंसान सच्चा और आत्मविश्वासी होता है, वह कभी किसी से अपनी तुलना नहीं करता। उसे पता होता है कि हर इंसान अपने आप में ख़ास और अतुलनीय है। वह न तो किसी से श्रेष्ठ है, न ही किसी से कम। वह जैसा है, वैसा ही काफ़ी है।
ज़रा सोचिए, क्या एक फूल को यह साबित करना पड़ता है कि वह दूसरे फूल से ज़्यादा सुंदर है? नहीं। हर फूल बस खिलता है, अपनी सुगंध बिखेरता है, और अपनी सुंदरता में ही पूर्ण रहता है। ठीक इसी तरह, आप भी अपने आप में बेमिसाल है। जब आप दूसरों से अपनी तुलना करते हैं, दिखावा करते हैं तो आप अपनी ही असली दिव्य पहचान और सुंदरता को बदसूरत बना देते हैं।
आइए, आज हम इस झूठे आवरण को उतार फेंकें। दिखावे की बेड़ियों से खुद को आज़ाद करें। किसी को हराने नीचा दिखाने या खुद को बड़ा दिखाने की कोशिश छोड़ें और स्वयं को एक ऐसी शख्सियत बनाने में लगाएँ जिसकी मौजूदगी ही सुकून और प्रेरणा दे। मैं चाहता हूँ कि आप एक ऐसे इंसान बनें जिसकी ऊर्जा से लोग सहजता महसूस करें, जिसे देखकर हर कोई दौड़कर गले लगाना चाहे।
इसलिये श्रद्धापूर्वक, न कि अहंकार वश या दिखावे के लिए या किसी होड़ में अपने कर्म, श्रम, पुरूषार्थ, अहोभाव से भरे रह कर पूजा पाठ का नियोजन करते रहना ही वास्तविक प्रार्थना है। अपना मन सकारात्मक विचारों से सराबोर रखना, हर समय अपने सर्वोच्च को उपलब्ध रहना, उत्साहित रहना और सतत इस प्रयास में लगे रहना कि कैसे हमारे जीवन में और आसपास आनंद घटित हो सके, हर्षोल्लास का माहौल बना रह सके – आपकी सही और सच्ची प्रार्थना है।
मैं आज अपने आराध्य प्रभु जी से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी कृपा से हम सब सुखी रहें, रोगमुक्त रहें, प्रतिदिन मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और कभी किसी के दुख तकलीफ का कारण न बने। मंगल शुभकामनाएं 🙏
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।।
