Manifestation • Mindset • Abundance • Blessings Your future self has brought you here. Time to Align, Attract & Evolve, Now🦸
हर रविवार की सुबह, मैं पुरानी पीढ़ियों के ज्ञान की उस पोटली को खोलता हूँ, जिसे उन्होंने जीवन भर की खोज से इकट्ठा किया था। मेरा प्रयास यही रहता है कि उस ज्ञान को आप तक इतनी सरलता और सहजता से पहुँचा सकूँ कि आप भी जीवन में इसे उतार सको, अगर चाहो तो 🤫। क्योंकि अगर समय रहते आपको महाजीवन की एक झलक मिल जाए, तो आनंद के इस महारास का आप भी आनन्द ले पाएंगे और बढ़ा पाएंगे। जो अम्रत चारों तरफ बरस रहा है उसकी एक आध बून्द पा पायेंगे।
अब सवाल ये है की हम उस महाजीवन की झलक कैसे पकड़ें? कैसे परमात्मा को अनुभव करें? इस ब्रह्मांड में हर पल बरस रहे आनंद और अमृत में कैसे भीग पायें? आइए, इस रहस्य को मेरे नज़रिए से समझते हैं।
हम सब इस जीवन को किसी न किसी दौड़ में, किसी न किसी चिंता या आपाधापी में जी रहे हैं। हर कोई कुछ पाने या बनने की कोशिश में लगा हुआ है। ठीक भी है। बस इस जीवन में एक छोटा सा बदलाव लाना है, एक छोटी सी आदत बदलनी है। बस अपने जीने के तरीके में ‘जागना’ जोड़ना है, बस वर्तमान में सहजता से जीना शुरू करना है।
इस दौड़ को रोकना जरूरी नहीं है, बल्कि हमें यह जानने की जरूरत है कि हम क्या हैं और असल में कौन हैं, हमारे जीवन का सार क्या है। हमें अपने होने के तरीके में, सोचने, महसूस करने के तरीके में, तथा हमारे द्वारा किए जाने वाले लगभग सभी कार्यों में, अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए सहज भाव लाना है, ईमानदारी लानी है, प्रेम लाना है। बिना किसी ईर्ष्या के सभी के लिए खुशी, विकास और समृद्धि की कामना करनी है। अपने आराध्य का अहोभाव से निरन्तर गुणगान करना है।
हर दिन बेहतर शब्द चुनने हैं, बेहतर काम चुनने हैं और उन्हें बेहतर ढंग से कहना और करना है। जैसे ही हमें ये बात समझ आ जाती है, न सिर्फ हमारा जीवन उत्कृष्टता की तरफ बढ़ने लगता है बल्कि हम परम सत्ता के करीब होने लगते हैं, परमात्मा से परिचित होने लगता है। हमें साँझ के डूबते हुए सूरज की खूबसूरती में, सुबह की पहली किरण के दर्शन में और भरी दोपहर के शांत आनंद में उनका अनुभव होने लगता है।
आशा है यह बात आपके हृदय को छू जाए और आपके जीवन की दिशा बदल दे। आपको यह बोध हो जाए कि वर्तमान में सहज भाव से जीना, सकारात्मक सोचना, और हर पल अपना सर्वश्रेष्ठ देना ही सच्ची प्रार्थना है।
आज मेरे आराध्य प्रभु जी से ये प्रार्थना है कि हमारे जीवन में जो जो भी व्यर्थ है, वह अपने आप छूटता चला जाये तथा जो सार्थक है, वह बढ़ता चला जाये एवं गहरा होता चला जाये। आप सदा स्वस्थ रहें, हंसते-मुस्कुराते, गाते-गुनगुनाते रहें तथा अपनी मस्ती में बने रहें। मंगल शुभकामनाएं 🙏
श्री रामाय नमः। ॐ हं हनुमते नमः।।
