Tag: श्रीराम

रविवारीय प्रार्थना – स्वयं के व्यवहार, विचारों, अनुभवों का लगातार अवलोकन करना और साक्षी भाव को मजबूत करना।

आज फिर रविवारीय माथापच्ची और फिर किसी गहरी बात को समझने और समझाने का दिन है। हम सबने सुना है कि परमात्मा हमारे भीतर ही है किसी तत्व की भांति। पर वो ईश्वरतत्व है या नही हम नही जानते और नही जानते कि उसे… Continue Reading “रविवारीय प्रार्थना – स्वयं के व्यवहार, विचारों, अनुभवों का लगातार अवलोकन करना और साक्षी भाव को मजबूत करना।”

रविवारीय प्रार्थना – अपने अंदर के दोषों को ढूँढ़ – ढूँढ़ कर निकाल बाहर करना तथा अपने व्यक्तित्व को हर दिन परिष्कृत करना।

आज फिर रविवार की सुबह है, और फिर एक बार दुबारा समय है रोजमर्रा की ज़िंदगी को छोड़ कर, जहाँ झूठ, शिकायतें, मजबूरियाँ और पुरानी आदतें हमारा पीछा नहीं छोड़तीं, किसी असली बात – सनातन सच को समझने का और समझाने का। हम अक्सर… Continue Reading “रविवारीय प्रार्थना – अपने अंदर के दोषों को ढूँढ़ – ढूँढ़ कर निकाल बाहर करना तथा अपने व्यक्तित्व को हर दिन परिष्कृत करना।”