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रविवारीय प्रार्थना – अपने अंदर के दोषों को ढूँढ़ – ढूँढ़ कर निकाल बाहर करना तथा अपने व्यक्तित्व को हर दिन परिष्कृत करना।

आज फिर रविवार की सुबह है, और फिर एक बार दुबारा समय है रोजमर्रा की ज़िंदगी को छोड़ कर, जहाँ झूठ, शिकायतें, मजबूरियाँ और पुरानी आदतें हमारा पीछा नहीं छोड़तीं, किसी असली बात – सनातन सच को समझने का और समझाने का। हम अक्सर… Continue Reading “रविवारीय प्रार्थना – अपने अंदर के दोषों को ढूँढ़ – ढूँढ़ कर निकाल बाहर करना तथा अपने व्यक्तित्व को हर दिन परिष्कृत करना।”