प्रार्थना

ईश्वर कभी भी हमसे दूर नहीं थे और न होंगे। वे तो अपार ऊर्जा, पूर्ण ज्ञान, अनन्त सामर्थ्य, वात्सल्य तथा अपना आशीर्वाद लिए प्रति पल हमारे साथ हैं।

और जब भी हम अपने भीतर की गहराई में एकाग्रता से उतरते हैं, हमारी आत्मा दिव्य प्रकाश से प्रकाशित हो उठती है। असल मे तो यही प्रकाश, यही हमारा आत्मानुभव अपने अंतर-निहित परमात्मत्व का साक्षात्कार है, उस सर्वव्यापी चेतना से एकाकार है।

मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को आत्मा में लय कर देना प्रार्थना है। अपने भीतर विनम्रता, सरलता, सहजता को निमंत्रण देना और दूसरों की विनम्रता को प्रणाम व अभिवादन करना ही प्रार्थना है। हर परिस्थिति में ईश्वरीय विधान के प्रति समर्पित रहना ही प्रार्थना है।

प्रभु से प्रार्थना है कि आप के ज्यादातर विचार एवं इच्छायें सकारात्मक हो जाएं और आपकी निराशा एवं सभी नकारात्मक भाव खत्म हो जायें। प्रभु की अनन्त शक्ति के संयोग से आपके जीवन में सभी असम्भव सम्भव होने लगे तथा भगवद कृपा का प्रवाह आपको निरन्तर अच्छे कार्यों की ओर उद्यत करने हेतु आंतरिक बल, उत्साह और आशा प्रदान करती रहे, ऐसी मेरी कामना है। मंगल शुभकामनाएं 💐

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