श्री राम की जीवन यात्रा भारतीय संस्कार एवं सभ्यता की प्राण सत्ता हैं।

मुझे नही पता की आप भारतीय परंपरा के सबसे पवित्र, दिव्य और प्यारे नाम “श्री राम” से क्या मतलब निकालते हैं? मुझे नही पता कि आप उन्हें राजा दशरथ के सबसे बड़े आज्ञाकारी बेटे, एक महान और आदर्श राजा के रूप में जानते हैं या उन्हें कण कण में विराजित उस ऊर्जा के रूप में मानते हैं जो इस सृष्टि को चला रही है।

मुझे नही पता कि क्या आप तुलसी के राम को जानते हैं, या महृषि वाल्मीकि के राम को या फिर कबीर के राम को? क्या आप सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के राम को जानते हैं या रामानंद सागर वाले राम को?

मगर मैं एक बात आपको बता दूं कि विश्व साहित्य में इतने विशाल एवं विस्तृत रूप से विभिन्न देशों में विभिन्न कवियों/लेखकों द्वारा “श्री राम” के अलावा किसी भी और चरित्र का इतनी श्रद्धा से वर्णन नही किया गया है।

हम सब उन्हें श्री हरि विष्णु जी के मर्यादापुरुषोत्तम अवतार
के रूप में जानते हैं, मानते हैं तथा पूजते हैं। स्वंय शिव के अवतार और मेरे आराध्य हनुमानजी भी उनके इस स्वरूप के अन्नय भक्त हैं।

हम सब उनकी नर से नारायण बनने की यात्रा को यानी के स्वयं से स्वयं की यात्रा को भारतीय संस्कार एवं सभ्यता की प्राण सत्ता मानते हैं।

रामायण अर्थात राम की यात्रा जिसे बारम्बार पढ़ना हम पूजनीय मानते हैं वो त्याग, तपस्या, लगन, धैर्य, सद्विचार और परोपकार जैसे गुणों के साथ आगे बढ़ती है। इस महान ग्रन्थ में ये बताया गया है कि सात्विकता, सरलता, संयम, सत्य जैसे दैवीय गुणों को जीवन में ढालकर निरंतर अभ्यास-साधना करने वाला व्यक्ति निश्चय ही अपने सर्वांगीण विकास में सफल होता है और अपने लक्ष्य यानी के ईश्वर को पा लेता है।

भगवान श्री राम के जन्मदिवस – रामनवमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। इस शुभ अवसर पर मैं आपके सुखद, स्वस्थ एवं आनंदमय जीवन की कामना करता हूँ। आप भगवान श्री राम की अनंत कृपा जल्द ही अपने जीवन मे अनुभव करें, ऐसी उनसे प्रार्थना करता हूँ। मंगल शुभकामनाएं 💐

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