Giving Yourself More Opportunities To Feel Proud..
ईश्वर ही इस सारी सृष्टि का परम सत्य है और इसका सार है। और यदि ईश्वर सबकी निजी अपेक्षाओं, इच्छाओं या धारणाओं के आधार पर इस सृष्टि को चलाना शुरू कर दें तो इस ब्रह्मांड का संतुलन और उसकी सहज व्यवस्था पल भर में ही बिखर जायेगी।
शायद इसीलिये तो इस सृष्टि में कांटे भी हैं और सुंदर गुलाब के फूल भी, इसमें राते हैं तो इसमें दिन भी हैं। इसीमें नरक भी है और स्वर्ग भी। ये सृष्टि पूरी तरह से निष्पक्ष है, संतुलित है और इसमें सब कुछ है। यह सिर्फ आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप क्या चुनते हो और क्या करते हो।
मेरी राय में – प्राकृतिक एवं सामाजिक दृष्टि से जो जिम्मेदारी आप को मिली है या स्वीकार कर रखी है, उसे ईमानदारी पूर्वक और प्रतिबद्धता से निभाते रहना – हर पल अपना सर्वश्रेष्ठ करना ही उनकी प्रार्थना है और आपके लिए सर्वदा लाभकारी भी है।
हर पल ईश्वर की इस समीकृत व्यवस्था के लिये उनका धन्यवाद करना, शुक्राना करना ही उनकी प्रार्थना है। हँसना मुस्कराना, हर हाल में सकारात्मक बने रहना, किसी की तारीफ में दो शब्द कह देना, आगे बढ़ कर कुछ बढ़िया कर देना – सब का सब प्रार्थना का ही हिस्सा है।
दूसरों में कमियां ढूंढने की बजाये, अपनी कमियों को ढूँढना और उन्हें दूर करने का प्रयत्न करना, हमारी प्रार्थना है। सबका भला सर्बत्त दा भला – अरदास करना ही सही मायने में उनकी प्रार्थना है।
मैं अपने आराध्य देव से आज प्रार्थना करता हूं कि आपका मन शांत, प्रसन्न और हंसता रहे तथा आपका चेहरा खिला खिला रहे। आप जिस भी किसी से मिलें – उसका मन प्रसन्नचित्त तथा दिन बेहतर और सुंदर हो जाये।
आपके घर समाज में आपसी आदर, सद्भावना और संवेदनशीलता बनी रहे तथा आपकी सभी चुनोतियाँ आपके लिये सुयोग और सुनहरे अवसरों में बदल जायें, ऐसी सब भी मेरी आज उनसे प्रार्थना है।
आप को शतायु, स्वस्थ एवं सार्थक जीवन के लिये ढेरों ढेर मंगल शुभकामनाएं 💐💐