Tag: Prayer

प्रार्थना

हमारी मान्यता ये है की हम सब उस परमब्रह्म ईश्वर की रची रचना हैं और अगर हम उनकी रचना हैं तो स्वभाविक है कि उनका कुछ अंश तो हम सब में ज़रूर होगा। उनकी तरह पूरे ब्रह्मांड को ना सही, कम से कम स्वयं… Continue Reading “प्रार्थना”

प्रार्थना 🙏

हमारी मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति में ईश्वर की उपस्थिति है और हम सभी मे असीमित प्रतिभा, महत्ता, प्रभुता, शक्ति एवं सामर्थ्य छुपा हुआ है। अपनी इसी नैसर्गिक दिव्यता एवं इन्ही क्षमताओं को पहचानने और अपने में परमेश्वर को और परमेश्वर में अपने को… Continue Reading “प्रार्थना 🙏”

प्रार्थना

कलह तथा कपट के इस युग में भगवान के नाम, यश, रूप, तथा लीलाओ का हर दिन गुणगान करना, अपने जीवन को लगातार श्रेष्ठ, परिष्कृत एवं गौरवान्वित बनाने का प्रयत्न करते रहना, अपने भीतर की अच्छाई को हर परिस्थिति में जिंदा रखना तथा अपने… Continue Reading “प्रार्थना”

प्रार्थना

आज पहली बात तो ये की देवताओँ और असुरों का अलग कोई अस्तित्व नहीं है। एक ही व्यक्ति में दोनों मौजूद हैं। आप का बेवजह क्रोध, घृणा, ईर्ष्या, या किसी के खिलाफ लगातार नाराजगी, अनिवार्य रूप से आपके असुरत्व को प्रगट करता है और… Continue Reading “प्रार्थना”

May you experience a manifestation of your dreams & prayers this week!

As the New Week begins, let you realise that it could be your beginning also for so many things. Today I wish to remind you that your attitude & thoughts influence your feelings & in turn determine how you perform, do your work &… Continue Reading “May you experience a manifestation of your dreams & prayers this week!”

ईश्वर और प्रार्थना

ईश्वर प्रेम, पवित्रता और आनन्द के रूप में सभी के ह्रदय में मौजूद है। जब आप इनकी पराकाष्ठा अपने भीतर या बाहर अनुभव करने लगते हैं तो इसका एक मतलब है ईश्वरत्व का अनुभव करना। 👑 ईश्वर का शुष्क चिंतन करके आप सिर्फ खुद… Continue Reading “ईश्वर और प्रार्थना”

End this week with greater joy than you have started it!

As you step into this new week, let you reconnect with your your true self, dreams & jumpstart your personal transformation. I know the fact that most of us always have big dreams. But somewhere along the way, we loose the sight of them.… Continue Reading “End this week with greater joy than you have started it!”

प्रार्थना

मेरे विचार में प्रार्थना स्वार्थ पूर्ति का कोई साधन नही है। ये तो खुद के भीतर सोयी हुई समझ, सामर्थ्य, ऊर्जा तथा छिपे हुऐ देवतत्व को जागृत करना है। प्रार्थना का मतलब है सहज, सरल एवं शांत हो जाना। प्रार्थना का मतलब है अपने… Continue Reading “प्रार्थना”

राम जैसा नाम और प्रतिष्ठा पर रावण जैसी सोच तथा जीवनशैली।

जब लोग ये मानने लगें हैं कि समस्त धर्मों ने आदमी का शोषण किया है, तो मैं ये बता दूँ कि हमारे धर्म ने, शास्त्रों ने और किसी भी अवतार ने हमे पापी नहीं कहा है। उन्होंने तो सभी को ब्रह्म—स्वरूप माना है। वेद,… Continue Reading “राम जैसा नाम और प्रतिष्ठा पर रावण जैसी सोच तथा जीवनशैली।”

आप जिसे ढूंढ रहे हैं, आप वही हैं।

आप जिसे ढूंढ रहे हैं, मेरा विश्वास करिये, आप वही हैं। 100%। आप जरा खुद के भीतर झाँकिये तो। अपने पूर्णत्व को, अपनी श्रेष्ठता, उच्चता, योग्यता तथा अपने दिव्य सामर्थ्य को जरा पहचानने की कोशिश तो करिये। और हाँ, जो खूबियां या देवत्व आप… Continue Reading “आप जिसे ढूंढ रहे हैं, आप वही हैं।”